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STET-2019 : हजारों छात्रों का भविष्य ‘Qualified but not in merit list’ के फेर में फंसा

कल तक नौकरी के प्रति आश्वस्त दिख रहे शिक्षक अभ्यर्थियों की अब बढ़ी बेचैनी

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STET-2019 के रिजल्ट पर उठी उंगली तो विभाग ने शुरू किया डैमेज कंट्रोल

शिक्षक अभ्यर्थियों का भविष्य तय करेगी शिक्षा सचिव के नेतृत्व वाली कमेटी

पटना (voice4bihar desk)। बिहार के राजकीय विद्यालयों, प्रोजेक्ट कन्या उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालयों तथा उच्च माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षक बहाली की प्रक्रिया सवालों के घेरे में आ गयी है। घोषित तारीख से एक दिन पहले STET-2019 का रिजल्ट जारी होने की खुशी अभ्यर्थियों के मन में कम है, आशंकाएं ज्यादा। इन उहापाह की वजह STET-2019 रिजल्ट की दूसरी किस्त है। इसके साथ ही शिक्षक नियुक्ति नियमावली में मौजूद विरोधाभाषों की तरफ भी उंगली उठने लगी है।

नौकरी पक्की होने का शिक्षा मंत्री ने किया था वादा

रिजल्ट की पहली किस्त में जिन अभ्यर्थियों को Qualified घोषित करते हुए नौकरी पक्की होने का वादा किया गया था, उन्हें अब Qualified but not in merit list बताकर रेस से लगभग बाहर कर दिया गया है। इस मामले ने तूल पकड़ा तो विभाग ने डैमेज कंट्रोल शुरू कर दिया। शिक्षा विभाग का कहना है कि वैसे अभ्यर्थी जो Qualified हैं लेकिन merit list में नहीं हैं, उनके मामले में विचार किया जा रहा है। मंगलवार को शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

अपर मुख्य सचिव को रिपोर्ट देगी चार सदस्यीय टीम

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आदेश में कहा गया है कि ऐसे अभ्यर्थियों की पात्रता की अनुशंसा के लिए शिक्षा विभाग के सचिव असंगबा चुबा आओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी अपर मुख्य सचिव को रिपोर्ट देगी। दूसरी ओर Qualified but not in merit list वाले अभ्यर्थी जानना चाह रहे हैं कि जब विभिन्न विषयों में उपलब्ध सीटों के मुताबिक ही अभ्यर्थी क्वालिफाइड घोषित किये गये हैं तो उन्हें मेरिट लिस्ट में जगह क्यों नहीं दी गयी है।

STET-2019 रिजल्ट की दूसरी किस्त ने मचाई खलबली

गौरतलब है कि इसी साल 12 मार्च को जब शिक्षा मंत्री ने पहली किस्त में STET-2019 के दोनों पेपर को मिलाकर 12 विषयों का रिजल्ट जारी किया था। तब उन्होंने साफ-साफ कहा था कि इस परीक्षा के रिजल्ट में जितने लोग सफल घोषित किये गये हैं, उन सभी की नौकरी पक्की है। इस आश्वासन के बाद नौकरी को लेकर आश्वस्त दिख रहे अभ्यर्थियों की बेचैनी तब बढ़ गयी, जब STET-2019 का शेष रिजल्ट (दूसरी किस्त) जारी हुआ। क्योंकि 21 जून को शेष तीन और विषयों के रिजल्ट के साथ सभी 15 विषयों की मेधा सूची जारी कर दी गयी। इससे शिक्षक अभ्यर्थियों में खलबली मच गयी।

शिक्षक नियोजन नियमावली में भी दिख रहा विरोधाभाष

बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर जारी शिक्षक नियोजन नियमावलियों में विरोधाभाष पर भी सवाल उठने लगे हैं। वर्ष 2020 में जारी नियमावली में मेधा सूची बनाने का जो मापदंड रखा गया है वह वर्ष 2006 एवं 2012 की नियमावली से बिल्कुल अलग है। नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2006-12 के कंडिका- 6 के अनुसार नियोजन के लिए मेधा अंक मैट्रिक, इंटर, स्नातक और बीएड के अंकों के प्रतिशत के योग का औसत में TET में प्राप्त अंकों के आधार पर प्राप्त अतिरिक्त अंक ( वेटेज ) को जोड़कर बनता था। इसी मेधा अंक से मेधा सूची बनती थी।

लेकिन 20 अगस्त 2020 को नई सेवाशर्त नियमावली लागू हुई जिसे बिहार जिला परिषद् / नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा ( नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवा शर्त ) नियमावली 2020 नाम दिया गया है। इससे नियमावली के नियम -5 में माध्यमिक शिक्षक बनने की योग्यता संबंधित विषय में स्नातक बीएड तथा STET उत्तीर्णता अनिवार्य बताया गया है। साथ ही नियम -7 के अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति के लिए संबंधित विषय में स्नातकोत्तर तथा बीएड के साथ STET उतीर्णता आवश्यक है।

इसी नियमावली के नियम – 10 ( 4 ) के अनुसार माध्यमिक शिक्षक नियुक्ति हेतु पैनल स्नातक एवं बीएड के कुल प्राप्तांकों के प्रतिशत के योग में 2 से भाग देने पर प्राप्त मेधाअंक के आधार पर बनेगा। इसी प्रकार नियम -10 (5) के अनुसार उच्च माध्यमिक शिक्षकों की नियुक्ति के लिए स्नातकोत्तर स्तर पर पठित सभी विषयों के प्राप्तांक का प्रतिशत और TET प्राप्तांक के प्रतिशत के योग में 2 से भाग देने पर प्राप्त अंक के आधार पर पैनल बनेगा। ऐसे में बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से शिक्षक नियुक्ति के लिए जारी STET-2019 के परिणाम के साथ रिक्त पदों के सापेक्ष मेधा सूची प्रकाशित करने से अभ्यर्थियों को हैरानी हो रही है।

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