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मुजफ्फरपुर में मिला दुर्लभ प्रजाति का अजगर, पटना चिड़ियाघर की बढ़ाएगा रौनक

घर में मिला सात फीट का जंगली अजगर लोगों के लिए बना कौतूहल

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  • 20 किलो के दुर्लभ प्रजाति के अजगर को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में लिया
  • पटना चिड़ियाघर भेजने की तैयारी में जुटे वन विभाग के अफसर
  • अब तक मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में पकड़े जा चुके हैं पांच अजगर

मुजफ्फरपुर/पटना ( voice4bihar desk ) । बिहार की राजधानी पटना स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान यानि पटना चिड़ियाघर में नया मेहमान आने वाला है। चिड़ियाघर के सांप घर में रखा जाने वाला यह प्राणी सात फीट लंबा व 20 किलो वजन वाला दुर्लभ प्रजाति का अजगर है। मुजफ्फरपुर में इसका रेस्क्यू करने के वाद वन विभाग की टीम ने इसे पटना जू में भेजने की तैयारी शुरू कर दी है।

दरअसल वन विभाग की टीम ने साहेबगंज प्रखंड के राजेपुर गांव निवासी नवल किशोर प्रसाद के घर से दुर्लभ प्रजाति के एक अजगर को कब्जे में लिया है । अजगर एक घर के छप्पर पर था । गनीमत यह रही कि उसने किसी को नुकसान नहीं पहुंचाया। सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की रेस्क्यू टीम में शामिल रजनीश कुमार, शशि शेखर, सतीश कुमार, रंजन कुमार, पवन कुमार, मोती सहनी व दुर्गेश कुमार ने आसानी से उसे अपने कब्जे में ले लिया ।

इतने बड़े अजगर को देखने के लिए ग्रामीणों में कौतूहल बना रहा । इसे देखने के लिए काफी संख्या में लोग एकत्र हो गए । रेस्क्यू किये गए अजगर की लंबाई करीब सात फीट एवं वजन 20 किलो बताया गया है । रेस्क्यू टीम में शामिल रजनीश कुमार ने कहा कि इस प्रजाति के पाइथन एशिया, अफ्रीका व आस्ट्रेलिया में पाये जाते हैं। मुजफ्फरपुर के साहेबगंज में अबतक चार – पांच अजगर का रेस्क्यू किया जा चुका है, लेकिन यह उन सबसे अलग है । इसे पटना चिड़ियाघर भेजा जाएगा।

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बेहद फुर्तीला व ताकतवर होते हैं इस प्रजाति के अजगर

रेस्क्यू टीम ने बताया कि जो अजगर मिला है वह दुर्लभ प्रजाति का बेहद फुर्तीला व ताकतवर है । यह किसी भी चीज को अपना शिकार बनाना चाहता है । यह विषैले सापों से बिल्कुल अलग होता है । इसका उददेश्य किसी चीज को निगलना होता है । यह सांप अमूमन रिहायशी इलाकों में नहीं पाया जाता है । यह जंगली इलाकों में पाया जाता है । अधिकतर देखा गया है कि इस प्रजाति का सांप जानवरों पर ज्यादा अटैक करता है ।

VTR से भटक कर गांव में आ जाते हैं जंगली प्राणी

वन विभाग के पदाधिकारियों का कहना है कि यह रिहायशी इलाकों में कैसे पहुंचा यह अनुमान ही लगाया जा सकता है । क्योकि उत्तर बिहार के ऐसे स्थानों पर इस प्रजाति के सांप बहुत कम देखे जाते है । यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वाल्मीकि टाइगर रिजर्व ( VTR ) क्षेत्र से ये अजगर यहां पहुंच जाते हैं। 7 फिट लंबे अजगर को वन विभाग की टीम ने अपने कब्जे में ले लिया है । उधर साहेबगंज में अजगर मिलने के बाद इलाके में दहशत का माहौल है ।

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