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प्रशांत किशोर ने जो दावा किया, उसे हकीकत में कर दिखाया

प्रशांत किशोर के दावे को हल्के में लेकर भाजपा ने की बड़ी भूल

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बंगाल चुनाव: आखिरकार दहाई का आंकड़ा नहीं पार कर सकी बीजेपी

देश के सबसे बड़े चुनाव रणनीतिकार ने कॅरियर को लगाया था दांव पर

पटना (voice4bihar news)। पश्चिम बंगाल चुनाव को लेकर कॅरियर दांव पर लगाने वाले प्रशांत किशोर ने आखिरकार भाजपा को औकात बता दी। 292 सीटों वाले बंगाल विधानसभ में 76 सीटों पर भाजपा को समेटकर प्रशांत किशोर ने चुनावी रणनीतिकार के रुप में एक बार फिर अपनी धाक जमाई है।

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस व भाजपा के लिए चुनावी बिसात बिछाते वक्त ही प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि भाजपा चाहे जितनी ताक लगाा ले, उसे पश्चिचम बंगाल में 99 से अधिक सीटें नहीं मिलेंगी। अगर मेरा दावा गलत हुआ तो मैं अपना काम छोड़ दूंगा। प्रशांत किशोर के इस दावे के बाद कई तरह के कयास लगाये जाने लगे थे। भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने यहां तक कह दिया कि “भाजपा की बंगाल में जो सुनामी चल रही है, सरकार बनने के बाद देश को एक चुनाव रणनीतिकार खोना पड़ेगा।”

इस दावे-प्रतिदावे के बीच तमाम बातें की गयी। प्रशांत किशोर का यह दावा ऐसे वक्त में आया था, जब उन्होंने हाल ही में अरविंद केजरीवाल के रणनीतिकार के रुप में दिल्ली फतह की थी। उधर पश्चिम बंगाल में पीएम नरेंद्र मोदी व गृह मंत्री अमित शाह समेत भाजपा के तमाम बड़े नेता मीडिया को साथ लेकर हवा का रुख मोड़ने के तमाम हथकंडे अपना रहे थे। कुछ लोग इसे प्रशांत किशोर का अतिविश्वास कह रहे थे, लेकिन चुनावी नतीजों ने यह साबित कर दिया कि प्रशांत किशोर का आंकलन एकदम सटीक था।

विवादित ऑडियो वॉयरल होने पर प्रशांत किशोर को देनी पड़ी सफाई

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एक तरफ पश्चिम बंगाल चुनाव में सियासी घमासान चरम पर था तो दूसरी तरफ ममता बनर्जी के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की पत्रकारों के साथ बातचीत के एक ऑडियो ने भूचाल ला दिया था। बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने एक ऑडियो जारी कर यह दावा किया प्रशांत किशोर ने बंगाल में मोदी फैक्टर को सबसे बड़ा माना है। ऑडियो में प्रशांत किशोर कहते सुनाई दे रहे हैं कि वोट मोदी के नाम पर हैं, हिंदू होने के नाम पर है। हिंदी भाषी अनुसूचित जाति के लोग ही चुनाव के फैक्टर हैं। पीएम यहां पॉपुलर हैं। मतुआ समुदाय बड़ी संख्या में बीजेपी के लिए वोट कर रहा है।

बीते दिसंबर माह में प्रशांत किशोर व भाजपा की ओर से किये गए दावे-प्रतिदावे।
बीते दिसंबर माह में प्रशांत किशोर व भाजपा की ओर से किये गए दावे-प्रतिदावे।

बीजेपी व तृणमूल के बीच ऑडियो लेकर हुआ बखेड़ा

एक तरफ इस ऑडियो को लेकर भाजपा ने अपनी जीत के दावे किये तो दूसरी तरफ तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि प्रशांत किशोर का ये ऑडियो बीजेपी के माइंड गेम का हिस्सा है, ताकि वे विधानसभा चुनावों में अपने पक्ष में लहर को बरकरार रख सकें। टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि एडिटेड ऑडियो टेप जारी नहीं किया जाना चाहिए। वहीं, ऑडियो पर प्रशांत किशोर ने कहा, “मुझे इस बात की खुशी है कि बीजेपी के लोग अपने नेताओं के बयान से ज्यादा मेरी क्लब हाउस चैट को गंभीरता से ले रहे हैं। मेरी उनसे अपील है कि चैट के कुछ हिस्से को छोड़कर पूरी बातचीत को जारी करें।”

निर्वाचन आयोग ने भगवा पार्टी की पूरी मदद की : प्रशांत किशोर

पिछले दिनों समाचार एजेंसी भाषा की रिपोर्ट में दावा किया गया था कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने ‘इंडिया टुडे’ से कहा है कि बीजेपी को धर्म का इस्तेमाल करने देने से लेकर मतदान कार्यक्रमों और नियमों में ढील देने तक, निर्वाचन आयोग ने भगवा पार्टी की सहायता करने के लिए सब कुछ किया। इस तरह का पक्षपाती निर्वाचन आयोग कभी नहीं देखा। उसने भाजपा की मदद के लिए तमाम कदम उठाए।

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