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अपनों के दाह-संस्कार से परिजन कर रहे इंकार, पराये कर रहे उद्धार

कोरोना महामारी ने इंसानी रिश्तों को किया तार-तार

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पिता की लाश लेने से बेटे ने किया मना, पति का शव देखने भी नहीं आई पत्नी

दरभंगा (voice4bihar news)। इसे कोरोना महामारी का खौफ कहें या मानवीय संवेदनाओं की घटती तासीर…जिंदा रहने पर जो सबसे प्रिय होता है, उसकी मौत के साथ ही कई लोग रिश्तों का अंत समझ लेते हैं। राज्य में कोरोना से मरने वाले कई अभागों को अपनों के हाथों दफन या दाह-संस्कार भी नसीब नहीं हो रहा है। दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोरोना आइसोलेशन वार्ड में कई ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसमें अपनों की लाश ले जाने से परिजनों ने इंकार कर दिया।

यहां कोरोना से पिता की मौत के बाद एक पुत्र ने शव का दाह-संस्कार करने इनकार कर दिया तो पत्नी अपने पति का मरा मुंह देखने तक नहीं जा रही है। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार करने में जिला प्रशासन के पसीने छूट रहे हैं। इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि मुख्यमंत्री के साथ उच्च स्तरीय बैठक में दरभंगा के डीएम त्यागराजन एसएम ने इस बात की वकालत पेश कर दी कि कोरोना से मौत होने पर मुआवजा उन्हीं परिवारों को मिले, जो दाह-संस्कार या दफन में शरीक हों।

मरने वालों के धार्मिक रीति-रिवाज से स्वयंसेवी संगठन के सदस्य करते हैं दाह संस्कार

खैर, अपनों के ठुकराये इन बेजान शवों का उद्धार करने के लिए शहर के ही कुछ मसीहा सामने आ रहे हैं। दरभंगा का कबीर सेवा संस्थान नामक एक स्वयंसेवी संगठन ऐसी ही इंसानियत की मिसाल पेश कर रहा है। कबीर सेवा संस्थान के 12 सदस्य हर दिन अपनी जान की बाज़ी लगाकर ऐसे शवों का उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार अंतिम संस्कार कर रहे हैं। संस्थान के लोगों ने कोरोना काल में अब तक करीब दो दर्जन हिंदू धर्म के मृतकों और करीब एक दर्जन मुस्लिम धर्म मृतकों के शवों के अंतिम संस्कार किए हैं। ऐसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए विशेष रूप से श्मशान और कब्रिस्तान का चयन किया गया है।

अपनी जान जोखिम में डाल रहे कबीर सेवा संस्थान के सदस्य

कबीर सेवा संस्थान के एक सदस्य सुरेंद्र कुमार महतो ने बताया कि 6 अप्रैल को केवटी प्रखंड के एक बुजुर्ग की मौत कोरोना से हो गई। उनके तीन बेटे थे। जिसमें से दो बेटे और उनके परिवार के सभी लोग कोरोना पॉजिटिव थे। तीसरे स्वस्थ बेटे ने पिता का शव लेने से लिखित रूप से इंकार कर दिया। दूसरी घटना 10 अप्रैल को हुई जब मनीगाछी प्रखंड के एक गांव के 30 वर्षीय युवक की कोरोना से डीएमसीएच में मौत हो गई। वह मुंबई में काम करता था। उसके परिवार में उसकी पत्नी और दो छोटे बच्चे थे। पत्नी अपने पति का शव लेने नहीं आई। इन दोनों शवों का अंतिम संस्कार कबीर सेवा संस्थान के लोगों ने किया गया।

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अपनों द्वारा ठुकराये गए शव का दाह-संस्कार करते कबीर सेवा संस्थान के सदस्य।
अपनों द्वारा ठुकराये गए शव का दाह-संस्कार करते कबीर सेवा संस्थान के सदस्य।

करीब सवा सौ लाशों का दाह-संस्कार कर चुके हैं जांबाज

वही बुधवार को दरभंगा शहर के पुरानी मुनसफी मोहल्ला के एक ही परिवार में दो लोगों की मौत कोरोना के कारण हो गयी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार दोनों माँ-बेटा बताए जा रहे हैं। इस केस में भी संस्थान के लोग तत्पर नजर आये। कबीर सेवा संस्थान के एक प्रमुख सदस्य नवीन सिन्हा ने बताया कि इस संस्था की स्थापना 2014 में लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए की गई थी। उन्होंने बताया कि 2014 से लेकर अब तक करीब सवा सौ लावारिस शवों के दाह-संस्कार उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार संस्था कर चुकी है।

बकौल नवीन सिन्हा- कोरोना काल में इस बीमारी से मृत अपनों का शव छोड़कर परिजन चले जा रहे हैं, ऐसी स्थिति में भी कबीर सेवा संस्थान उन शवों का अंतिम संस्कार कर रहा है। पिछले साल से लेकर अब तक करीब दो दर्जन हिंदुओं और एक दर्जन मुस्लिमों के शवों का अंतिम संस्कार उनके धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ किया जा चुका है, जिनकी मौत कोरोना से हुई थी और जिनके परिजन उनका अंतिम संस्कार किसी वजह से नहीं करना चाहते थे।

समाज की रुसवाई का गम नहीं, निभा रहे सामाजिक दायित्व

नवीन सिन्हा ने बताया कि शवों के अंतिम संस्कार करने में उन्हें कई कठिनाइयां होती है। समाज में लोग उनकी टीम के सदस्यों से दूरी बनाकर रहते हैं] लेकिन ऐसी स्थिति में भी वे शवों का अंतिम संस्कार करते हैं। उन्होंने कहा कि इससे उन लोगों को संतुष्टि मिलती है। यह उनका सामाजिक दायित्व है जिसे वे निभाते हैं।

कबीर सेवा संस्थान को सम्मानित करेगा प्रशासन : डीएम

दरभंगा डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम ने कबीर सेवा संस्थान के इस कार्य की सराहना की है। उन्होंने कहा कि पिछले साल से लेकर अब तक कबीर सेवा संस्थान ने कोरोना से मृत वैसे अनेक लोगों का अंतिम संस्कार किया है जिनके परिजन उनके शव लेने से इनकार कर चुके थे। उन्होंने कहा कि इस संस्था का कार्य सराहनीय है। डीएम ने कहा कि कबीर सेवा संस्थान को जिला प्रशासन की ओर से सम्मानित किया जाएगा।

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