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पंचायत चुनाव इवीएम से ही होंगे, 10 चरणों में होगी वोटिंग

नीतीश कैबिनेट का बड़ा फैसला, खरीदे जाएंगे 90 हजार नए इवीएम

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इवीएम खरीदने के लिए 122 करोड़ रुपये का हुआ आवंटन

50 वर्ष से ऊपर के सरकारी सेवकों की जबरन रिटायमेंट शुरू

पटना (voice4bihar desk)। पंचायत चुनाव इस बार 10 चरणों में कराये जाने का राज्य सरकार ने फैसला लिया है। यह चुनाव बैलेट पेपर की बजाय इवीएम से ही कराये जाएंगे। चूंकि पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों की संख्या अधिक होने के कारण अतिरिक्त इवीएम की जरूरत होगी, ऐसे में सरकार ने 90 हजार नए इवीएम खरीदने का फैसला किया है। इसके लिए 122 करोड़ रुपये का आवंटन भी कर दिया गया है। इस आशय का निर्णय मंगलवार को हुई नीतीश कैबिनेट की बैठक में लिया गया।

75 प्रतिशत हाजिरी नहीं होने पर भी मिलेगी छात्रवृत्ति

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक पंचायत चुनाव की तैयारी समेत कुल 48 एजेंडों पर मुहर लगी है । इस दौरान एक अन्य अहम निर्णय लेते हुए मंत्रिपरिषद ने छात्रवृत्ति के लिए 75 प्रतिशत अटेंडेंस की अनिवार्यता समाप्त कर दी है । वैश्विक महामारी कोरोना के कारण 75 प्रतिशत से कम अटेंडेंस वाले छात्रों को भी छात्रवृत्ति दी जाएगी । सरकार के इस निर्णय से छात्रों को पोशाक एवं साइकिल योजना की राशि मिलने में आसानी होगी ।

लघु जल संसाधन विभाग को दो इंजीनियर किए गए जबरन रिटायर

सरकारी दफ्तरों में कार्यरत वैसे कर्मचारी जो अपनी कार्यक्षमता खो चुके हैं, उन्हें हटाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गयी। राज्य मंत्रिपरिषद ने 50 वर्ष से ज्यादा उम्र के अक्षम सरकारी सेवकों को जबरन सेवानिवृति देनी शुरू कर दी है । लघु जल संसाधन विभाग के 2 अभियंताओं को जबरन सेवानिवृति दी गयी है ।

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भोजपुर मेडिकल कॉलेज के लिए राशि जारी

मंत्रिपरिषद ने भोजपुर मेडिकल कॉलेज के लिए 550 करोड़ रुपये की राशि जारी की है । आरा में बनने वाले इस मेडिकल कॉलेज को वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय के नए परिसर में बनाया जाना है। उल्लेखनीय है कि विश्वविद्यालय के कैंपस का हिस्सा मेडिकल कॉलेज को हस्तांतरित करने का कई संगठन विरोध कर रहे हैं। ऐसे में सरकार ने राशि जारी कर अपने स्टैंड पर कायम रहने के संकेत दिये हैं।

पंचायत चुनाव के लिए खरीदे जाएंगे अतिरिक्त इवीएम

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के साथ ग्राम कचहरी के पदों को जोड़ा जाए तो एक पोलिंग बूथ पर कम से कम छह इवीएम की जरूरत होगी। इसकी प्रतिपूर्ति के लिए राज्य मंत्रिपरिषद ने 90 हजार नए इवीएम खरीदने का फैसला किया है। गौरतलब है कि बिहार में पंचायत चुनाव के जरिये वार्ड सदस्य , पंचायत स्तर पर मुखिया, प्रखंड विकास समिति के सदस्य और जिला परिषद के सदस्य का चुनाव होता है । इसके साथ ही ग्राम कचहरी के लिए पंच और सरपंच का चुनाव भी होता है । इस प्रकार पंचायत चुनाव में बूथ पर पहुंचने वाला एक मतदाता सभी छह पदों के लिए एक साथ मतदान करने के बाद ही वापस लौटता है ।

इवीएम से आसान होगा पंचायत चुनाव

राज्य में इस बार पंचायत चुनाव पहले से अलग होगा। पहले हर बूथ पर छह पदों के अनुसार छह – छह बैलेट पेपर रखने पड़ते थे । इसके लिए अलग – अलग रंग के बैलेट पेपर का इस्तेमाल किया जाता था। जिसके कारण वोटिंग प्रक्रिया में काफी वक्त लगता था । यह देखते हुए सरकार ने इस बार ईवीएम के जरिये चुनाव कराने का निश्चय पहले ही किया। लेकिन इवीएम की कमी का संकट इसके आड़े आ रहा था। परंतु अब इस संकट को दूर कर लिया गया है ।

मार्च में नामांकन व अप्रैल में होगा मतदान!

मंगलवार को पंचायत चुनाव को लेकर राज्य मंत्रिपरिषद के निर्णय से स्पष्ट हो गया है कि अब पंचायत चुनाव समय पर ही होगा और इवीएम से वोट डाले जाएंगे। उम्मीद है कि जल्द ही पंचायत चुनाव की घोषणा हो सकती है। मार्च के आखिर तक नामांकन व अप्रैल माह में मतदान कराये जाने का अनुमान है। चुनाव आयोग ने भी पंचायत चुनाव के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है । आयोग के मुताबिक सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक चुनाव मतदान की प्रक्रिया चलेगी , जबकि मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी ।

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