नेपाल के मुसलमान अब नहीं होंगे मधेसी समुदाय का हिस्सा!
मुस्लिम समुदाय के विभिन्न संगठनों की मांग पर मधेसी आयोग का निर्णय
मुसलमान को मधेसी के सूची से अलग रखने का किया गया था निवेदन!
अलग सांस्कृतिक विरासत के कारण थारू समुदाय भी मधेस सूची से बाहर
नेपाल से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट
Voice4binar News. नेपाल में रह रहे मुस्लिम समुदाय के लोग अब मधेसी समुदाय का हिस्सा नहीं होंगे। या यूं कहे कि अब मधेसी नहीं कहलायेंगे! इसके साथ ही आदिवासी समुदाय में शामिल थारू जनजाति भी इस दायरे से बाहर होगी। नेपाल में मधेसी आयोग ने थारु व मुस्लिम समुदाय को मधेसी समुदाय के सूचीकरण से हटाने का निर्णय करने के साथ ही राष्ट्रपति के पास अनुमोदन के लिए भेजा है।
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मधेसी आयोग की बैठक में लिया गया निर्णय
मधेसी आयोग की सोमवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नेपाल में मधेसी समुदाय के जाति सूचीकरण अध्ययन प्रतिवेदन-2021 के उपसमूह 1 मे रहे थारु व 2 रहे मुस्लिम को सूची से बाहर हटाया जाएगा। साथ ही इस निर्णय के कार्यान्वयन के लिए प्रधानमन्त्री तथा मन्त्रिपरिषद कार्यालय को भेजा गया।
मुस्लिम व थारू संगठनों ने रखी थी मांग
आयोग के अध्यक्ष डा. विजयकुमार दत्त ने बताया कि मधेसी आयोग के द्वारा किये गए निर्णय के कार्यान्वयन के लिए नेपाल के प्रधानमंत्री तथा मंत्री परिषद के कार्यालय को पत्र लिखा गया है। डॉ दत्त के अनुसार थारु व मुस्लिम समुदाय के विभिन्न संघ-संगठनों ने निवेदन किया था कि थारु व मुस्लिम समुदाय की अलग पहचान व सभ्यता है। इन समुदायों की पहचान, धर्म व संस्कृति मधेसी समुदाय से मेल नहीं खाते। इन तर्कों के आधार पर उक्त सूची में नहीं रखने को लेकर आयोग में निवेदन दिया था।
बता दें कि इससे पूर्व मधेसी आयोग के द्वारा वर्ष 2021/22 के वार्षिक प्रतिवेदन के मार्फत राष्ट्रपति विद्या देवी भण्डारी के समक्ष थारु व मुस्लिम सहित 149 जातियों को मधेसी के रूप में मान्यता देने की सिफारिस की गई थी। माना जा रहा कि मधेस सूची से बाहर निकलने वाले समुदाय जल्द ही नई पहचान पाने के लिए प्रयास करेंगे। ऐसा होने पर नेपाल की राजनीति में मधेस का दबदबा भी कम होगा।