नवादा में उग्रवादियों ने तीन लोगों को सुनाया मौत का फरमान!
पार्टी से गद्दारी व लेवी के रुपये हड़पने का आरोप, स्कूल की दीवार पर चिपकाया पोस्टर
उग्रवादियों का फरमान या शरारती तत्वों की कारिस्तानी, इसका पता लगा रही पुलिस
नवादा (voice4bihar news)। बिहार का नवादा जिला इन दिनों विभिन्न कारणों से सुर्खियों में बना हुआ है। जहरीली शराब से 17 लोगों की मौत के बाद नकली सिगरेट बनाने की फैक्ट्री पकड़े जाने के मामले में अभी पुलिस की कार्रवाई चल ही रही थी कि प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन माओवादी की तरफ से चिपकाये गए पोस्टर ने पुलिस की नींद खराब कर दी। इसमें तीन लोगों की मौत का फरमान है।
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बताया जाता है उग्रवादियों ने नवादा जिले के सिरदला थाने के कुशाहन गांव के मध्य विद्यालय के दीवार पर पोस्टर चिपका कर पार्टी से गद्दारी करने तथा लेवी का रूपए हड़पने का आरोप लगाते हुए तीन लोगों को सजा-ए-मौत का फरमान जारी किया है। मंगलवार को पोस्टर देखते ही अफरातफरी मच गई। लाल – ब्लू रंग के लिखे पोस्टर पर कुशाहन गांव के तीन ग्रामीणों के संबंध में सजा-ए-मौत का फरमान जारी किया गया है।
उग्रवादियों ने लिखा है कि हमारा कमांडर इन्हीं गद्दारों के कारण 5 साल तक जेल में रहा। अब छूट गया है। इन गद्दारों ने सिरदला, रजौली, कौवाकोल व गोविंदपुर इलाके से करोड़ों रुपए लेवी का पैसा वसूल कर बेईमानी की है। अपने मारे गए उग्रवादी साथियों के परिजनों को 8-8 लाख रुपए देने हैं लेकिन इन बेईमानों ने सारे पैसे हजम कर लिये। पोस्टर में यह भी फरमान है कि सिरदला के लवनीमड़ी में मारे गए पांच उग्रवादी साथियों का बदला हमने महुलियाटांड़ में 11 पुलिसकर्मियों की हत्या कर लिया है।
पोस्टर में कहा गया है कि ग्रामीणों से हमारी कोई दुश्मनी नहीं है, लेकिन गद्दारी करने वाले इन तीन लोगों को तो हर कीमत पर मरना ही होगा। उग्रवादियों के इस फरमान से ग्रामीणों में दहशत है। हालांकि पुलिस अभी इस पोस्टर की सत्यता पर भरोसा नहीं है। पुलिस ने कहा है कि इसकी सच्चाई की जांच की जा रही है। संभव है किसी शरारती तत्व ने गलत तरीके से पोस्टर चिपका कर दहशत पैदा करने की कोशिश की हो। जांच के बाद इस पोस्टर के पीछे जिसका भी हाथ सामने आएगा, उस पर कार्रवाई की जाएगी।