अगले 48 घंटे में बदल जाएंगे कई पंचायतों के सचिव, निलंबन की भी लटकी तलवार
रोहतास जिले में कई पंचायत सचिवों का बदला कार्य क्षेत्र
प्रशिक्षु आईएएस सह बीडीओ नवीन कुमार ने जारी किया पंचायत सचिवों की बदली का आदेश
48 घंटे के भीतर कार्यभार का आदान-प्रदान नहीं किया तो होगी कड़ी कार्रवाई
रोहतास से बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट
सासाराम (voice4bihar news)। रोहतास जिले में चुनाव के ऐन पहले अपनी कुर्सी गंवा चुके 14 मुखिया के बाद अब पंचायत सचिवों पर भी शिकंजा कसने लगा है। कई पंचायत सचिवों का कार्य क्षेत्र बदलते हुए इन्हें 48 घंटे के भीतर पदभार आदान-प्रदान करने का आदेश दिया गया है। सासाराम प्रखंड विकास पदाधिकारी के तौर पर कार्यरत सहायक समाहर्ता प्रशिक्षु आईएएस नवीन कुमार ने 10 मार्च को आदेश जारी करते हुए पंचायत सचिवों के कार्य क्षेत्र में बदलाव किया है।
प्रशिक्षु आईएएस के आदेश के अनुसार पंचायत सचिव उमेश शर्मा को उचितपुर, करवंदिया, धनकाढा, महद्दीगंज धौडांड एवं कसेरूआ पंचायत का कार्यभार सौंपा गया है। इसी तरह कामाख्या नारायण सिंह को दरिगांव, तेज नारायण राय को भदोखरा, अमरी, मुरादाबाद, रामपुर एवं नहौना का पंचायत सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही जन सेवक कुमार अभिमन्यु को आकाशी, करूप और गंसाडीह पंचायत आवंटित किया गया है जबकि राम नारायण साह को सिकरियां, बेलाढी, समरडीहा एवं मोकर पंचायत का पंचायत सचिव बनाया गया है।
कार्यभार संभालने में हीला-हवाली की तो होगी पंचायत सचिव पर कार्रवाई
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इस आदेश के आलोक में सख्त संदेश दिया गया है कि नए कार्य क्षेत्र का कार्य भार संभालने में तनिक भी विलंब बर्दाश्त नहीं होगा। 48 घंटे के अंदर संबंधित पंचायतों के कागजात, अभिलेख पंजी का प्रभार आदान-प्रदान करने का फरमान सहायक समाहर्ता नवीन कुमार ने जारी किया है। निर्धारित अवधि में प्रभार नहीं देने की स्थिति में संबंधित पंचायत सचिव के विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने की चेतावनी भी सहायक समाहर्ता का प्रखंड विकास पदाधिकारी ने दी है ।

एक ही पंचायत में 7 वर्षों से अधिक वक्त तक जमे पंचायत सचिव आए जद में
एक ही पंचायतों में सात वर्षों से अधिक अवधि से पांव जमाए बैठे पंचायत सचिवों के प्रभार बदले जाने से ग्रामीणों में खुशी है जबकि सचिवों की बेचैनी बढ़ी हुई है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कुछ पंचायतों से संबंधित अभिलेखों के नियमानूकूल संधारण नहीं किये जाने सहित अनुशासनहीता के आरोप में निलंबन की कार्रवाई की तलवार लटकी हुई है। बहरहाल देखना दिलचस्प होगा कि किन-किन लोगों पर प्रशासनिक चाबुक की मार गिरती है।
मालूम हो कि पिछले पंचायत चुनाव में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन के आरोप भी सासाराम प्रखंड के एक पंचायत सचिव पर लगा है। जांचोपरांत मामला स्पष्टीकरण तक सिमटा हुआ है। इसके अलावा विगत फरवरी माह में जिन आरोपों के तहत जिले के 14 मुखिया की बर्खास्तगी हुई है, उन आरोपों के छींटे कई पंचायत सचिवों के दामन पर भी हैं। ऐसे में कार्रवाई की तलवार अभी लटकी हुई है।
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