इधर पुलिस करती रही तलाश, उधर जेल में बंद शागिर्दों से मिल आया गिरोह का सरगना
शराब तस्कर लंगड़ा गिरोह के मामले में जारी अनुसंधान लड़खड़ाया
रोहतास में ट्रेनों के जरिये शराब तस्करी करने वाले पर नहीं कसा शिकंजा
रोहतास से बजरंगी कुमार सुमन के साथ पंकज प्रताप मौर्य की रिपोर्ट
Voice4bihar News. रोहतास जिले में शराबबंदी अभियान पर पुलिस प्रशासन की चौकसी के मामले में महकमे के हुक्मरान चाहे जितना भी दंभ भर लें, लेकिन शराब तस्करों के हौसले भी कम बुलंद नहीं है। यह हम नहीं बल्कि तस्करों के कारनामे बयां कर रहे हैं।
जिस शराब तस्कर लंगड़ा गिरोह को दबोचने के मामले में आरपीएफ और जीआरपी आमने-सामने हो चुके हैं। उस मामले में उच्चस्तरीय जांच जारी है। इस मामले में अनुसंधान तो लड़खड़ाता दिख ही रहा है, अब तक जिले की पुलिस प्रशासन उसे दबोच भी नहीं सकी है। जबकि सूत्रों का दावा है कि शराब तस्करी मामले में नामजद अभियुक्त लंगड़ा गिरोह के सरगना ने मंडलकारा सासाराम में बंद अपने शागीर्दों से मुलाकात कर अपनी पहुंच का एहसास करा दिया है। उधर पुलिस प्रशासन उसकी तलाश के खोखले दावे करती फिर रही है, लेकिन अभी तक लंगड़ा गिरोह का सरगना पुलिसिया गिरफ्त से दूर है।
आरपीएफ ने दबोचकर किया था उत्पाद विभाग के हवाले
ट्रेन से ट्रांसपोर्टिग करते हुए जिला मुख्यालय और आसपास के इलाकों में शराब तस्करी की सूचना आम होने पर हरकत में आयी आरपीएफ ने सूचनातंत्र का जाल बिछाते हुए 21 फरवरी 2023 को 12176 डाऊन चम्बल एक्सप्रेस से वजनी झोला लेकर उतरे दो संदिग्धों को धर दबोचा था। यह कामयाबी तब सफलता बन गयी, जब झोले के अंदर से शराब बरामद हुई।
शराब से भरे झोले के साथ आरपीएफ टीम के हत्थे चढ़ने वालों की शिनाख्त बिक्रमगंज वार्ड नंबर 15 कृष्णा नगर निवासी मोहन सोनी के पुत्र चंदन कुमार सोनी और सासाराम नगर थाना क्षेत्र के वार्ड संख्या 38 आलमगंज निवासी विरेंद्र प्रसाद के पुत्र बबलू कुमार केसरी के रूप में की गयी। उत्पाद विभाग द्वारा दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक जब्त शराब की अनुमानित कीमत 39490 रुपये बताई गई। इस मामले में उत्पाद विभाग में कांड संख्या 114/23 दर्ज करते हुए अनुसंधान शुरू कर दिया है।
तस्करों के ऑन कैमरा बयान से आया भूचाल
बनारस से शराब लेकर चंबल एक्सप्रेस के जरिए सासाराम स्टेशन पर पहुंचने वाले दोनों तस्करों ने बड़ा खुलासा करते हुए सासाराम स्टेशन पर आने वाले सूरज साह के नाम का खुलासा कर ऑन कैमरा बयान देते हुए खाकी के संरक्षण में शराब तस्करी का खुलासा कर भूचाल ला दिया है। गिरफ्तार तस्करों के ऑन कैमरा खुलासे के बाद चर्चा में आये सूरज साह की तफ्तीश में मीडिया टीम के सूत्रों ने इसे लंगड़ा बताया।
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सूरज साह ही लंगड़ा गिरोह का सरगना!
सूत्रों के मुताबिक सूरज साह द्वारा संचालित गिरोह हीं लंगड़ा गिरोह के नाम से बहुचर्चित है। लंगड़ा गिरोह के सरगना सूरज साह को खाकी का संरक्षण प्राप्त होने का खुलासा गिरफ्तार तस्करों ने ऑन कैमरा किया है। इस खुलासा के बाद रेल पुलिस के आलाधिकारियों के कान खड़े हो चुके हैं। मामले में जांच शुरू होने के बाद आरपीएफ और जीआरपी के कदमताल भी डिरेल हुए हैं। बहरहाल जांचोपरांत ही स्पष्ट हो सकेगा कि हकीकत क्या है?
उधर, सूत्रों का दावा है कि सोशल मीडिया पर वायरल कई ऑडियो और वीडियो शराब तस्करी में खाकी की संलिप्तता के प्रत्यक्ष प्रमाण हैं। हालांकि अब तक वायरल आडियो विडियो Voice4bihar की रोहतास टीम के हत्थे नहीं लगी है।
लंगड़ा को दबोचने में पुलिस नाकाम, लड़खड़ाया अनुसंधान
बनारस से सासाराम पहुंचते ही पुलिस के हत्थे चढे़ शराब तस्करों की गिरफ्तारी के बाद एक्साइज विभाग ने जांच तो शुरू की लेकिन मामले का अनुसंधान लड़खड़ा गया है। उत्पाद विभाग ने माननीय न्यायालय को समर्पित दस्तावेज के कॉलम 07 में दो अभियुक्तों का नाम ही अंकित किया है। हालांकि 24 घंटे के भीतर ही लड़खड़ाते अनुसंधान को संभालने का प्रयास किया गया, जब अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश दो की अदालत में शुद्धि पत्र समर्पित कर तीसरे अभियुक्त के तौर पर सूरज साह का नाम कॉलम 07 में अंकित करने की गुहार लगाई गयी।
हालांकि ऐसा प्रयास प्रशासन के एक्शन में नहीं दिखा। करीब एक माह बाद भी शराब तस्करी गिरोह के सरगना सूरज साह उर्फ लंगड़ा को गिरफ्तार नहीं करना बड़े सवाल खड़ा करता है। साथ ही गिरफ्तार तस्करों द्वारा ऑन कैमरा किये गये खुलासे के दावों पर भी मुहर प्रतीत होता है।
पुलिस करती रही तलाश और जेल में मुलाकाती बन कर पहुंच गया लंगड़ा
बनारस से सासाराम तक ट्रेन के रास्ते शराब तस्करी का मास्टरमाइंड सूरज साह उर्फ लंगड़ा को प्राथमिकी दर्ज होने के एक माह बाद भी रोहतास पुलिस नहीं दबोच सकी है। हालांकि इस केस का अनुसंधान उत्पाद पुलिस के हवाले है। जबकि सूत्रों का दावा है कि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद कई दिनों तक वह रेलवे परिसर में खुलेआम घूमता नजर आता रहा है।
सूत्रों का दावा है कि पुलिस के हाथ भले हीं लंगड़ा न लगा हो, लेकिन मंडलकारा सासाराम में 24 फरवरी को उसने मुलाकाती बन कर जेल में बंद अपने दोनों शागिर्दों से लंबी मुलाकात की है। सूत्रों का यह दावा पुलिस की नींद उड़ाने वाला है। शराब तस्करी मामले में लड़खड़ाते अनुसंधान के बीच गिरोह के मास्टर माइंड सूरज साह ऊर्फ लंगड़ा का मंडलकारा में अपने शागिर्दों से मुलाकात महज एक इत्तेफाक है या खाकी पर दाग…, यह कहना मुश्किल है।