जातीय जनगणना के मुद्दे पर जदयू नेता हुए मुखर, नीतीश कुमार व उपेंद्र कुशवाहा ने पुरजोर मांग उठाई
एनडीए के घटक दल 'हम' ने भी मिलाये सुर, जीतनराम मांझी के कहा-नीतीश का हर स्टेप मंजूर
जनता के बीच पहुंचे उपेंद्र कुशवाहा ने कहा- जातीय जनगणना से गरीब सवर्णों को भी मिलेगा फायदा
बक्सर (voice4bihar news) । जातीय जनगणना को लेकर छिड़ी बहस के बीच जदयू ने पुरजोर तरीके से इसकी मांग दोहराई है। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय के बयान के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जोरदार तरीके से इसका विरोध किया था, वहीं रविवार को जनता के बीच न पहुंचे जदयू संसदीय दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने जातीय जनगणना की मांग दोहराते हुए पार्टी का स्टैंड क्लीयर कर दिया। श्री कुशवाहा ने कहा कि जातीय न जनगणना आज बहुत जरूरी है, इससे गरीब सवर्णों को भी लाभ मिलेगा। जनसंवाद यात्रा पर निकले उपेंद्र कुशवाहा ने रविवार को बक्सर सर्किट हाउस में प्रेसवार्ता करते हुए कई मसलों पर खुलकर बात की।
जनता की मांग पर ही जदयू में वापस लौटे : उपेंद्र
उन्होंने कहा कि मैं जब जिस भूमिका में रहता हूं, उसका ईमानदारी से निर्वाह करता हूं। जब सत्तापक्ष के विरुद्ध था तो मुद्दों व विचारधारा का विरोध करता था। इन मुद्दों को लेकर सड़कों पर भी उतरा, लेकिन अब सत्तापक्ष के साथ हूं तो इस भूमिका का भी ईमानदारी से पालन कर रहा हूं। श्री कुशवाहा ने कहा कि मैंने नीतीश कुमार के साथ ही राजनीति शुरू की है। जब समता पार्टी बनी तो मैं भी उसके संस्थापकों में रहा हूं। जनता की मांग पर ही हम अपने पुराने घर में नीतीश कुमार के साथ वापस हुए हैं। इसमें किसी को क्या तकलीफ हो सकती है।
उन्होंने कहा कि हम यहां बक्सर में अपने कोरोना से पीड़ित कार्यकर्ताओं से मिलने आए हैं । श्री उपेंद्र ने कहा कि नीतीश कुमार किसी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं , जिन्होंने कोरोना से मरने वालों के परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक मदद देने का संकल्प उठाया । इसके अलावा भी नीतीश कुमार ने बहुत सारे ऐसे कार्य किए हैं जिससे प्रभावित होकर आम जनता उनके प्रति श्रद्धा भाव रखती है । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जनता का पूरा भरोसा है।
अपने पुराने स्टैंड पर अब भी कायम हैं उपेंद्र कुशवाहा
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पत्रकारों के सवाल के जवाब में श्री कुशवाहा ने कहा कि मैं आज भी अपने पुराने स्टैंड पर कायम हूं । जब जरुरत पड़ेगी, आवाज उठाने से पीछे नहीं हटूंगा। हमने शिक्षा में सुधार के लिए लड़ाई लड़ी। अब सत्तापक्ष के साथ सहयोग कर शिक्षा के क्षेत्र में मजबूती से कार्य करूंगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि देश की बड़ी अदालतों में हम कॉलेजियम सिस्टम समाप्त करने की मांग पर आज भी कायम हूं। मेरी मांग है कि प्रतियोगिता के माध्यम से जजों की नियुक्ति करने की प्रणाली विकसित की जानी चाहिए।
श्री कुशवाहा ने कहा कि भारत में जातीय जनगणना कराना आज बहुत जरूरी है। इससे ने केवल वंचित वर्गों का भला होगा, बल्कि इससे गरीब सवर्णों को भी लाभ मिलेगा। धर्मांतरण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जब स्वेच्छा से कोई धर्म परिवर्तन करता है तो कोई बात नहीं, लेकिन किसी दबाव , प्रलोभन व भय से धर्म परिवर्तन करना या करवाना उचित नहीं है।
जातीय जनगणना के लिए दो बार प्रस्ताव भेज चुका है बिहार विधानमंडल
इससे पूर्व मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जातीय जनगणना की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए अपनी मंशा स्पष्ट की थी। अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखे एक पोस्ट में नीतीश कुमार ने अपनी मांग दोहराते हुए कहा कि इस संबंध में बिहार विधानमंडल ने दो बार प्रस्ताव पारित किया है। सर्वसम्मति से पारित प्रस्ताव को केंद्र सरकार के पास भेजा गया था। अब इस पर अमल की जरूरत है।
मांझी ने कहा-नीतीश कुमार के साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी उनकी पार्टी
दूसरी ओर बिहार में एनडीए के एक अन्य घटक दल हम (से) ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार का साथ देने की बात कह दी है। इससे भाजपा को छोड़कर सभी दलों के सुर एक जैसे प्रतीत होने लगे हैं। हमसे के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने कहा है कि जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार जो भी स्टेप लेंगे हमारी पार्टी उनके साथ चट्टान की तरह खड़ी रहेगी। मांझी ने कहा कि ने जो मुद्दा उठाया है वह एनडीए और खासकर भाजपा के विचार से अलग है , लेकिन हमारी पार्टी ने निर्णय लिया है कि नीतीश कुमार जो भी कदम उठाएंगे हमारी पार्टी उनके साथ खड़ी रहेगी।