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कोरोना से मौत पर दाह-संस्कार भी नसीब नहीं, बेटी ने खुद गड्ढा खोदकर दफनाया शव

चार दिनों के अंतराल पर दंपति की हुई मौत, शव जलाने की बजाए करना पड़ा दफन

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मां-पिता की कोरोना से मौत के बाद अब इन बच्चों का सहारा कौन बनेगा?

अररिया से राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

Voice4bihar news. राज्य में इन दिनों कोरोना का कहर अपने चरम पर है। ऐसे में हर दिन मानवता को शर्मसार करने वाली तस्वीरें सामने आ रही हैं। ऐसी ही एक तस्वीर अररिया के रानीगंज प्रखंड क्षेत्र में देखने को मिली, जहां कोरोना से मौत पर महिला के दाह संस्कार से समाज ने मुंह मोड़ लिया। ऐसे में हिन्दू रीति-रीवाज से दाह संस्कार भी नसीब नहीं हुआ। चार दिन के अंतराल पर मां-बाप को खो चुकी एक बेटी ने खुद गड्ढा खोदकर मां की लाश को अकेले ही गड्ढे में धकेलते हुए दफनाया।

28 अप्रैल को हुई जांच में पति-पत्नी मिले थे कोरोना पॉजिटिव

रानीगंज प्रखंड की बिशनपुर पंचायत के वार्ड 7 निवासी 40 वर्षीय बीरेंद्र मेहता और उनकी 32 वर्षीय पत्नी प्रियंका देवी 28 अप्रैल को फारबिसगंज में हुई कोरोना जांच में पॉजिटिव पाए गए थे। पूर्णिया के निजी अस्पताल में दोनों का इलाज चल रहा था। बीते सोमवार को इलाज के दौरान बीरेंद्र मेहता की मौत हो गई। उनका अंतिम संस्कार पूर्णिया में ही किया गया। आर्थिक स्थिति ठीक न रहने और इलाज में काफी रुपए खर्च होने के बाद प्रियंका के परिजन उसे लेकर घर आ गए।

महज चार दिनों के अंतराल पर दंपति की कोरोना से मौत, अनाथ हुए तीन बच्चे

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कोविड संक्रमित पति-पत्नी की मौत चार दिनों के अंतराल पर ही हो गई। गुरुवार की देर रात प्रियंका की हालत बिगड़ने लगी तो उसे पहले रानीगंज रेफरल अस्पताल और फिर फारबिसगंज कोविड केयर अस्पताल ले जाया गया। स्थिति क्रिटिकल होने की वजह से डॉक्टरों ने मधेपुरा मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। लेकिन मधेपुरा पहुंचने से पहले की शुक्रवार की सुबह प्रियंका ने भी दम तोड़ दिया। कोरोना संक्रमण की वजह से गांव में कोई भी प्रियंका के अंतिम संस्कार के लिए सामने नहीं आया। ऐसी स्थिति में बड़ी बेटी सोनी कुमारी ने ही किसी तरह गड्ढा खोद और खुद पीपीई किट पहनकर मां के शव को दफनाया।

मां व पिता की मृत्यु के बाद अनाथ हुए तीनों बच्चे।

माता पिता की मृत्यु से अनाथ हुए बच्चों को मिली सरकारी मदद

प्रियंका देवी एवं बीरेंद्र मेहता की कोरोना से हुई मृत्यु से उनके अनाथ हुए तीन बच्चों को आज सरकारी एवं मानवता के आधार पर भी मदद की गयी। सरकारी मदद के रूप में रानीगंज अंचलाधिकारी रमण कुमार सिंह ने आपदा विभाग के तहत चार लाख की मुआवजा राशि का चेक मृतकों की बड़ी पुत्री सोनी कुमारी को दिया गया। वहीं अररिया एसडीओ शैलेन्द्र कुमार दिवाकर एवं अररिया एसडीपीओ पुष्कर कुमार सिंह तथा मोहनी देवी ट्रस्ट ने अनाथ बच्चों को राहत सामग्री दी।

वहीं इस अवसर पर अररिया अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी पुष्कर कुमार ने बताया कि इस विपदा की घड़ी में हम सब पीड़ित बच्चों के साथ है। बच्चों को किसी भी प्रकार की असुविधा नहीं होने दी जाएगी। खाना-पीना से पढ़ाई लिखाई तक हर बिंदु पर हम सब मिलकर बच्चों की मदद करेंगे।

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