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पुलिस फोर्स में ‘प्यादा’ लेकिन संपत्ति में ‘राजा’ निकले सिपाही नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव

नौ ठिकानों पर छापेमारी में 9.5 करोड़ की संपत्ति का पता चला, वास्तविक कमाई से 544 गुनी संपत्ति अर्जित की

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बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष हैं नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव

आय से अधिक संपत्ति के मामले में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने की पड़ताल

पटना (voice4bihar desk)। बिहार में प्रशासन व पुलिस के अफसरों के खिलाफ हो रही कार्रवाई की जद में बिहार पुलिस के सिपाही भी आ गए हैं। बिहार पुलिस में प्यादे की हैसियत वाले नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव संपत्ति के मामले में राजा निकले। उनकी असली पहचान बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में है। आय से अधिक संपत्ति की जांच में जुटी आर्थिक अपराध इकाई ने इनके पास करोड़ों की चल-अचल संपत्ति होने का पता लगाया है।

दरअसल बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव के नौ ठिकानों पर आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने मंगलवार को एक साथ दबिश दी। ये सभी ठिकाने पटना, भोजपुर व अरवल जिले में हैं। भोजपुर में धीरज यादव का पैतृक आवास है। आय से अधिक संपत्ति की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। अपराध इकाई ने श्री यादव के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जिसमें उन पर स्वयं व अपने परिजनों के नाम पर करोड़ों की चल-अचल संपत्ति अर्जित करने का आरोप है।

9.5 करोड़ रुपये की अवैध संपत्ति मिली, अभी आंकलन जारी

नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान करीब 9.5 करोड़ रुपये की अधिक संपत्ति अर्जित करने के साक्ष्य मिले। तलाशी के क्रम में जांच एजेंसी को यह पता चला कि धीरज ने अपने सेवाकाल में जो संपत्ति अर्जित की है, यह उसकी वास्तविक आय से लगभग 544 प्रतिशत से अधिक है। छापेमारी के दौरान ईओयू ने जमीन निबंधन के दस्तावेज, जीवन बीमा पॉलिसी, बैंक खातों एवं वाहनों की खरीद संबंधी दस्तावेज भी जब्त किये हैं। अवैध तरीके से अर्जित की गई संपत्तियों के मूल्य में और अधिक वृद्धि होने की संभावना है।

पटना, भोजपुर व अरवल में धीरज यादव व उनके संबंधियों की संपत्ति खंगाली गयी

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आर्थिक अपराध इकाई ने नरेंद्र सिंह उर्फ धीरज यादव के राजधानी पटना के बेऊर में महावीर कॉलोनी स्थित आवास पर छापेमारी की। इसके साथ ही भोजपुर के सहार थाना के मुजफ्फरपुर स्थित उनके आवास पर भी छापेमारी की गयी है। साथ ही आरा के भेलाई रोड के कृष्णानगर स्थित आवास पर भी छापा मारा गया है। यह मकान उनके भाई विजेंद्र कुमार विमल का है। मंगलवार को जिन नौ ठिकानों पर छापेमारी की गयी, उनमें धीरज के पैतृक गांव सहार थाना के मोजफ्फरपुर व नारायणपुर थाना स्थानीय बाजार स्थित भाई के मार्केट आशुतोष ट्रेडर्स तथा बाजार चौक पर त्रिवेणी मार्केट शामिल है। इसके अलावा अरवल जिले में भी उनके भाई के घर पर छापा मारा गया है।

 

भोजपुर जिले से सहार में धीरज यादव के संबंधियों का मकान।
भोजपुर जिले से सहार में धीरज यादव के संबंधियों का मकान।

नरेंद्र सिंह के भाई-भतीजे व पिता के ठिकाने भी खंगाले गए

बता दें कि श्री यादव बिहार पुलिस में सिपाही के पद पर तैनात हैं लेकिन पुलिस संगठन का प्रमुख होने के कारण धाक बहुत है। उनके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की शिकायत मिलने के बाद आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने पहले जांच की और पक्की सूचना मिलने के बाद धीरज यादव व उनके भाई सुरेंद्र कुमार सिंह, श्याम बिहारी सिंह, शशिभूषण सिंह, वीरेंद्र सिंह, विजेन्द्र कुमार विमल, अशोक कुमार व इनके पिता दुधेश्वर सिंह तथा भतेजे धर्मेंद्र कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी।

अरवल में अशोक कुमार के आवास पर साढ़े पांच घंटे छापेमारी

दूसरी ओर अरवल में एनएच-139 के पूरब एक मकान में आर्थिक अपराध इकाई की टीम ने दबिश दी। यह छापेमारी लगभग 5 घंटा 30 मिनट तक चली। एक दर्जन पदाधिकारियों की मौजूदगी में हुई जांच से स्थानीय पुलिस अनजान रही। एसपी राजीव रंजन ने मामले से अनभिज्ञता जाहिर की, जबकि सदर थाना अध्यक्ष शंभू पासवान ने स्वीकार किया कि पटना से आई छापेमारी टीम को उस स्थान पर पहुंचाने में स्थानीय पुलिस ने मदद की, लेकिन कार्रवाई के बारे में कुछ भी मालूम नहीं। बाद में पता चला कि जिस घर में छापेमारी हुई वह बालू कारोबारी अशोक कुमार का ठिकाना है।

भाई की गिरफ्तारी के बाद से जांच एजेंसियों के राडार पर थे धीरज यादव

इसी वर्ष सात जून में भोजपुर पुलिस ने खाकी के बल पर बालू लदे ट्रकों से अवैध वसूली के एक बड़े रैकेट का खुलासा किया था। इस रैकेट के संचालन में बिहार पुलिस मेंस एसोसिएशन के अध्यक्ष धीरज यादव के भाई अशोक कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेजा दिया था। उसकी गिरफ्तारी अरवल स्थित आवास से हुई थी। पुलिस ने सहार स्थित उसके घर पर भी छापेमारी की थी। छापेमारी के दौरान घर में मौजूद आलमीरा से करीब साढ़े सात लाख रुपये बरामद हुए थे। उस मामले में प्रयुक्त मोबाइल एवं व्हाट्सएप चैट को जब्त किया गया है। इस प्रकरण में तत्कालीन सहार थाना इंचार्ज आनंद सिंह की भी संलिप्तता पायी गई थी, जिसमें वे निलंबित चल रहे है ।

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