अश्लील गाने बजाने को लेकर खूनी संघर्ष, चार दिनों में दो युवकों को मारी गयी गोली
सरस्वती पूजा और विसर्जन के दौरान भोजपुर में खूब मचा हुड़दंग, जमकर मचा उपद्रव
- बड़हरा में दो गांव के लोगों के बीच हुई भिड़ंत, दो दिनों तक होता रहा हंगामा
- 16 फरवरी को गड़हनी थाना क्षेत्र के रामडीहरा गांव में भी मारी गयी थी गोली
आरा (voice4bihar news)। अश्लील होली गीतों का समाज के युवाओं पर प्रतिकूल असर दिखने लगा है। भोजपुर जिले में सरस्वती पूजा और प्रतिमा विसर्जन के दौरान अश्लील गाने व हुड़दंग से लोगों के उत्साह में खलल पड़ गया है। अश्लील गाना बजाने को लेकर जिले में खूब बवाल मच रहा है। लोगों में झड़प और खूनी संघर्ष भी हो रही है। कहीं गोली चल रही, तो कहीं रोडे़बाजी की जा रही। महज चार दिनों में दो जगहों गोलीबारी की घटना हुई है। इससे विधि-व्यवस्था की समस्या भी उत्पन्न हो रही है।
बता दें कि 16 फरवरी को गड़हनी थाना क्षेत्र के रमडीहरा गांव में सरस्वती पूजा के दौरान अश्लील गाना बजाने को लेकर दो पक्षों में खूनी संघर्ष हो गयी थी। तब विक्की पासवान नामक एक युवक को गोली मार दी गयी थी। मारपीट में उसके भाई को भी चोटें आयी थी। उस मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को जेल भी भेज दिया है। उसके बाद 18 फरवरी को बड़हरा में विसर्जन के दौरान अश्लील गाना बजाने को लेकर दो गांव के लोगों में झड़प हो गयी। गुरुवार की रात के बाद शुक्रवार की भी हंगामा और रोडे़बाजी की गयी। उसमें एक एएसआई सहित अन्य लोग जख्मी भो हो गये थे। लोग रोड पर उतर कर भी बवाल मचाते रहे।
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वह मामला अभी शांत ही हो रहा था कि जगदीशपुर के बैरही गांव में अश्लील गाना बजाने के विवाद में झड़प हो गयी। एक युवक को गोली मार दी गयी। उसके बाद भी जमकर उपद्रव मचाया गया। हालांकि एसपी हर किशोर राय ने इसे गंभीरता से लिया है। उनके आदेश पर हंगामा करने और उपद्रव मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गयी है। बड़हरा उपद्रव में एक आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। अन्य की पहचान कर गिरफ्तारी के लिये छापेमारी की जा रही है।
कहीं आस्था व परंपरा के नाम पर युवाओं का भटकाव तो नहीं!
ट्रैक्टर पर रखी गयी मां सरस्वती की प्रतिमा, पीछे बजता कानफाड़ू डीजे और झूमती-थिरकती युवाओं की टोली। यह नजारा एक प्रतिमा विसर्जन जुलूस का था। डीजे पर गाना बज रहा था- ‘अम्मा देख, हां देख, तेरा मुंडा बिगड़ा जाए…’ । यह वाकया एक हकीकत है और आज के युवाओं की सच्चाई भी। आस्था व परंपरा के बीच फंसे युवाओं के सामने होली गीतों की फूहड़ता ने पूरे समाज को शर्मसार किया है। जब तक ऐसी अश्लीलता का प्रतिकार नहीं होगा, तब तक हमारी युवा पीढ़ी इसी तरह भटकाव के दौर से गुजरती रहेगी।