Header 300×250 Mobile

संक्रामक रोग नहीं है ब्लैक फंगस, अफवाहों पर नहीं दें ध्यान

डायबिटिज मरीजों के कोरोना संक्रमित होने पर ब्लैक फंगस का खतरा अधिक

- Sponsored -

452

- Sponsored -

- sponsored -

 कोविड -19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट ग्रुप ने जारी किये दिशा निर्देश

पटना (voice4bihar news)। म्यूकोरमाइकोसिस यानी ब्लैक फंगस को लेकर लोगों में व्याप्त भ्रांतियों को को दरकिनार करते हुए विशेषज्ञों ने कहा है कि यह संक्रामक रोग नहीं है । इस लेकर ज्यादा भयभीत होने की जरूरत नहीं है । इस बाबत ब्लैक फंगस से बचाव के लिए कोविड -19 नेशनल टास्क फोर्स और एक्सपर्ट गुप ने दिशा निर्देश जारी किया है । जिसमें गंभीर रोग से प्रभावित लोगों को इस बीमारी से बचने की विशेष सलाह दी गई है।

लक्षण दिखने पर हेल्पलाइन को करें फोन

विज्ञापन

एक्सपर्ट ग्रुप ने इस रोग से बचाव के उपायों की जानकारी देते हुए इस रोग से जुड़े अफवाहों व भ्रांतियों से भी बचने की अपील की है । एमाणपर्ट यूप ने बताया है म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगस संक्रमण है , जिसका प्रसार एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं होता है । बुखार व ठंड सहित कोविड 19 के अन्य लक्षण दिखने पर आपदा मित्र हेल्पलाइन नंबर 14410 या कोविड हेल्पलाइन नंबर 1912 पर फोन कर आवयश्क जानकारी ली जा सकती है । साथ ही हेल्थ हेल्पलाइन सेवा 104 से भी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं ।

स्टेरॉयड दवा लेने वालों को करता है प्रभावित

म्यूकोरमाइकोसिस एक फंगल संक्रमण है जो मुख्य रूप से उन लोगों को प्रभावित करता है जो अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दवा ले रहे हैं । विशेष रूप से स्टेरायड दवा लेने वालो को म्यूकोरमाइकोसिस अधिक प्रभावित करता है । ऐसे व्यक्तियों के साइनस या फेफड़े , हवा से फंगल बीजाणुओं के अंदर जाने के बाद प्रभावित होते हैं । म्यूकोरमाइकोसिस से ग्रस्त होने की संभावना उन लोगों को अधिक होती है , जो अनियंत्रित मधुमेह से प्रभावित है । इसके अलावा लंबे समय तक आईसीयू में भर्ती रहे मरीज , अंग प्रत्यारोपण आदि रोगियों को यह बीमारी सबसे अधिक प्रभावित करती है ।

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored -

- Sponsored