मधुबनी नरसंहार : राष्ट्रपति भवन तक पहुंची ‘रावण सेना’ व ‘करणी सेना’ की जंग
राजपूत करणी सेना ने राष्ट्रपति से की न्यायिक जांच कराने की मांग
पूर्व आईपीएस ने विधायक को बताया घटना का “मास्टरमाइंड”
Voice4bihar desk. ऐन होली के दिन एक ही परिवार के पांच लोगों की हत्या के मामले में मुख्य अभियुक्त प्रवीण झा उर्फ रावण व उसके शागिर्दों की गिरफ्तारी के बाद भी इस मामले में राजनीति थमती नजर नहीं आ रही। “राजपूत करणी सेना” बनाम “रावण सेना” की जंग के रुप में मधुबनी जिले के महम्मदपुर गांव से शुरू हुई राजनीति अब देश की राजधानी दिल्ली तक जा पहुंची है। इस बीच मामले की जातीय हिंसा का रंग देने की कोशिश में जुटी करणी सेना ने राष्ट्रपति को ज्ञापन देकर बीजेपी विधायक पर गंभीर आरोप लगाये हैं। दूसरी ओर पूर्व आईपीएस अमिताभ दास ने भी बीजेपी विधायक को बचाने का आरोप मुख्यमंत्री पर लगाया है।
लड़ाई सिर्फ “राजपूत करणी सेना” बनाम “रावण सेना” की नहीं
मधुबनी नरसंहार मामले में लड़ाई सिर्फ “राजपूत करणी सेना” बनाम “रावण सेना” की नहीं है बल्कि देश के दो सबसे बड़े राजनीतिक दलों के समर्थकों की भी लड़ाई है। महम्मदपुर गांव समेत आसपास के गांवों के लोग स्पष्ट रूप से दो राजनीतिक खेमों में बंटे हैं। यही कारण है कि इस मामले में सीधे-सीधे भाजपा विधायक विनोद नारायण झा का नाम सामने आया। उन पर “रावण सेना” को संरक्षण देने का आरोप लगाया गया। मामले ने तूल पकड़ा तो विधायक को वीडियो जारी कर सफाई देनी पड़ी थी।
अभियुक्तों की गिरफ्तारी के बाद चर्चा में आया रघौली गांव
इसी तरह नरसंहार के मुख्य अभियुक्त प्रवीण झा उर्फ रावण की गिरफ्तारी के बाद इस मामले में भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर का नाम चर्चा में आया। यह महज संयोग ही कहा जाएगा कि एक भाजपा के एक विधायक पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगा तो दूसरे विधायक के गांव से हत्याकांड के मुख्य अभियुक्त की गिरफ्तारी हुई है। अपराधियों की गिरफ्तारी जिस रघौली गांव से हुई है वह भाजपा के बिस्फी विधायक हरिभूषण ठाकुर बचोल का गांव है।
“रावण सेना” को भाजपा विधायक का संरक्षण : करणी सेना
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बेनीपट्टी विधायक व पूर्व मंत्री विनोद नारायण झा की लाख सफाई के बावजूद राजपूत करणी सेना उन्हें बख्शने के मूड में नहीं है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को दिये गए ज्ञापन में करणी सेना ने आरोप लगाया है कि महम्मदपुर गांव में क्षत्रिय जाति के पांच लोगों की हत्या का अभियुक्त प्रवीण झा खुद को “रावण सेना” का राष्ट्रीय अध्यक्ष बताता था। जिसे स्थानीय लोगों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के विधायक व पूर्व मंत्री बिहार सरकार विनोद नारायण झा का पूर्ण संरक्षण प्राप्त है।

घटना की न्यायिक जांच के लिए राष्ट्रपति से लगाई गुहार
पत्र में कहा गया है कि पीड़त परिवार की सम्पति हड़पने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया। सत्ता पक्ष के विधायक की संलिप्ता के कारण स्थानीय प्रशासन मामले में लीपापोती करने में लगा हुआ है। करणी सेना ने इस हत्याकांड की न्यायिक जांच करवाने तथा पीड़ित पक्ष को न्याय दिलवाने की गुहार राष्ट्रपति से लगाई है। उल्लेखनीय है कि मधुबनी नरसंहार के रुप में चर्चित इस कांड में करीब तीन दर्जन आरोपित हैं, जिनमें से अब तक 16 की गिरफ्तारी हो चुकी है।
पूर्व आईपीएस का आरोप- विधायक को बचा रहे सीएम
दूसरी ओर बिहार विप्लवी परिषद् ( समानता-स्वतंत्रता-बधुत्व) के चेयरमैन व पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास ने भी इस नरसंहार में भाजपा विधायक विनोद नारायण झा की संलिप्तता का आरोप लगाया है। बिहार के पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में श्री दास ने कहा है कि मेरा पैतृक गांव बिजई-सलेमपुर , मधुबनी जिले में पड़ता है। मुझे पक्की सूचना है कि इस नरसंहार का “मास्टरमाइंड” बेनीपट्टी का भाजपा विधायक है। नरसंहार के बाद हत्यारे भाजपा के ही एक विधायक के गांव में ही छुपे थे।

पूर्व आईपीएस ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी आरोप लगाया है कि वे भाजपा विधायक को इस मामले से बचाने का प्रयास कर रहे हैं। पुलिस ने “रावण सेना” के सरगना प्रवीण झा को उसके साथियों के साथ गिरफ्तार किया है, लेकिन मामले के मास्टरमाइंड को बचाने का प्रयास हो रहा है। श्री दास ने डीजीपी से मांग की है कि इस कांड की निष्पक्ष जांच कार्रवाई जाये।