पीड़ित के घर के पीछे बांसवाड़ी में ले जाकर यूरिया व पेट्रोल डालकर जलाया शव
सुपौल (Voice4bihar News)। यूपी के हाथरस कांड की तरह ही बिहार के सुपौल जिले में एक बालक की निर्मम हत्या और फिर परिवार को डरा-धमका कर आनन-फानन में लाश को जला देने की जघन्य घटना सामने आई है। यह घटना सुपौल जिला अंतर्गत त्रिवेणीगंज थाना क्षेत्र के हरीहरपट्टी पंचायत अंतर्गत वार्ड-7 से मंगलवार की सुबह हुई। यहां अज्ञात लोगों ने 13 वर्षीय एक बालक की निर्मम हत्या कर शव को उसके ही घर में ले जाकर रख दिया।
इकलौते बेटे की लाश को छाती से लगाने के लिए छटपटाती रही मां
घटना की जानकारी मिलने के बाद गांव के दबंगों व जनप्रतिनिधियों ने परिवार को डरा-धमका कर शव को आनन-फानन में जला डाला। परिजनों को पुलिस को सूचना देने से रोका गया और मृतक की मां तक को अपने इकलौते बेटे के शव से लिपटने नहीं दिया गया। मृतक की पहचान स्थानीय निवासी विनोद मंडल के पुत्र विकास कुमार (13 वर्ष) के रूप में हुई है।
लाश के गले में बंधी थी पटुका की रस्सी, गले में थे जख्म के निशान
जानकारी के अनुसार, सोमवार रात खाना बनाने के बाद मां मंजू देवी ने बेटे को खाने के लिए बुलाया, लेकिन विकास ने कहा कि वह थोड़ी देर में आएगा। इसके बाद वह लौटकर नहीं आया। परिवार ने रात में खोजबीन की लेकिन कोई पता नहीं चला। मंगलवार सुबह करीब चार बजे मां फिर खोजने निकली तो देखा कि आंगन में टूटे घर में विकास का शव जमीन पर पड़ा है। उसके गले में पटुआ की रस्सी और गहरे जख्म के निशान थे।
वार्ड सदस्य से लेकर मुखिया पति तक को नहीं आई कानून की याद
मां और बहन के चीखने-चिल्लाने की आवाज सुनते ही आसपास के लोग जमा हो गए। देखते ही देखते पंचायत के मुखिया पति, वार्ड सदस्य, पंचायत समिति सदस्य, पंच, जिला परिषद और कुछ तथाकथित समाजसेवक भी मौके पर पहुंच गए। परिजनों का आरोप है कि इन सभी ने मां मंजू देवी को जबरन दूसरे घर में बंद कर दिया और शव को परिजनों से छिपाकर घर के पीछे बांसवाड़ी में बांस के बीच ले जाकर जला दिया।
मृतक की बहन बोली- दबंगों ने हमें पुलिस को सूचना देने से रोका
मृतक की बहन आरती के अनुसार, भाई की हत्या कर शव घर में फेंका गया था, लेकिन समाज के दबंगों ने हमें पुलिस को सूचना देने से रोका। डराया-धमकाया और फिर शव पर यूरिया व पेट्रोल छिड़ककर जलावन के साथ जला दिया। कोई रीति-रिवाज भी नहीं हुआ, आनन फानन में जैसे तैसे अर्थी बनाई गई। जीस-पेंट और शर्ट में ही मेरे इकलौते भाई को राख बना दिया गया।
दोनों पैरों से विकलांग पिता पंजाब में करते हैं मजदूरी
परिजनों का कहना है कि मृतक के पिता पंजाब में मजदूरी करते है वे दोनों पैर से विकलांग है पिता किसी तरह खुद और परिवार का भरण-पोषण करते है। गांव में ही मां मजदूरी कर बच्चों को पालती है। विकास उनका इकलौता बेटा था, जबकि परिवार में तीन बेटियां हैं। इन्हीं में से एक बहन ने अपने इकलौते भाई को मुखाग्नि दी, जिससे माहौल और भी गमगीन हो गया।
पत्रकारों के पहुंचने पर खुला भेद, तब दी गयी पुलिस को सूचना
समाज के इस कृत्य ने जनप्रतिनिधियों की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए है। परिजनों ने आरोप लगाया कि घटना को दबाने के लिए समाज के प्रभावशाली लोगों ने न केवल साक्ष्य मिटा दिए बल्कि पीड़ित परिवार को धमकी देकर चुप रहने को भी मजबूर किया। घटना की सूचना अंततः पत्रकारों के पहुंचने पर पूरा माजरा सामने आया। इसके बाद मृतक परिवार ने साहस जुटाकर पुलिस को खबर दी। थानाध्यक्ष रामसेवक रावत पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और पूरे मामले की जांच शुरू की।
थानेदार ने कहा- बालक की निर्मम हत्या के बाद जला दी गयी लाश
थानाध्यक्ष रामसेवक रावत ने बताया कि मृतक के परिजनों के अनुसार मृतक का शव इसके घर से मिला है। गांव-समाज और जनप्रतिनिधियों ने मिलकर के आनन फानन में शव को जला दिया है। परिजन का आरोप है कि कोई मारकर के इनके बेटे का शव इनके घर में रख दिया। सभी विंदुओं पर जांच किया जा रहा है परिजन आवेदन लिखकर देंगे तो आगे की कार्रवाई की जाएगी।
अपराधियों को बचाने के लिए साक्ष्य मिटाने का आरोप लगा रहे परिजन
गांव में इस निर्मम हत्या और दबंगई से माहौल गरम है। ग्रामीणों में चर्चा है कि आखिर किन कारणों से 13 साल के मासूम की हत्या की गई और क्यों जनप्रतिनिधियों ने अपराधियों को बचाने के लिए साक्ष्य को मिटा दिया। फिलहाल पुलिस जांच जारी है और पीड़ित परिवार न्याय की गुहार लगा रहा है। पुलिस का कहना है कि शव जलाए जाने के कारण पोस्टमार्टम संभव नहीं हो पाया, लेकिन परिजनों के बयान और घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।