”ड्रग्स टेरेरिज्म” के शिकार हो रहे भारतीय नागरिक, विदेश से ड्रग्स की खेप लाने का बन रहे जरिया

विदेशी गांजा की तस्करी में नेपाल में रोज गिरफ्तार हो रहे हैं भारतीय नागरिक, यह चिंता का सबब

थाईलैंड के गांजा की भारत में विशेष मांग होने के कारण यहां नेटवर्क फैला रहे ड्रग्स सिंडिकेट

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (Voice4bihar News). विदेशों में सक्रिय ड्रग्स सिडिकेट के चक्कर में पड़कर आये दिन भारतीय नागरिक ”ड्रग्स टेरेरिज्म” के शिकार बन रहे हैं। इनके माध्यम से ड्रग्स की खेप नेपाल होते हुए भारत में भेजी जा रही है। नेपाल के हवाई मार्ग से थाईलैंड से गांजे की तस्करी के आरोप में प्रत्येक दिन नेपाल में भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी हो रही है। बीते एक वर्ष में काठमांडू के त्रिभुवन हवाई अड्डा से ही 45 भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी ड्रग्स की तस्करी में हो चुकी है। यह सभी थाईलैंड से विदेशी गांजा की खेप लाते वक्त काठमांडू हवाई अड्डा पर गिरफ्तार हुए हैं जिसमें 38 पुरुष व 7 महिला हैं।

नेपाल पुलिस के नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार एक वर्ष की अवधि में ड्रग्स के कारोबार में विभिन्न स्थानों से गिरफ्तार भारतीय नागरिकों की संख्या 307 है, जो नेपाल के विभिऩ्न जेलों में सजा काट रहे हैं, जबकि 18 अन्य देशों के विदेशी नागरिक भी नेपाल के जेलों में बंद हैं। नेपाल में भारतीय व विदेशी नागरिक के विरुद्ध एक वर्ष में कुल 5110 मामले दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने यह भी बताया है कि ड्रग्स के कारोबार के मामले में एक वर्ष में 7943 नेपाली नागरिकों की भी गिरफ्तारी की गई है ।

भारतीय नागरिकों की जांच में 207 किलोग्राम विदेशी गांजा जब्त

नेपाल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख कृष्ण कोइराला के अनुसार एक वर्ष में हवाई मार्ग से थाईलैंड से नेपाल आए 45 भारतीय नागरिकों की जांच में कुल 207 किलो थाईलैंड का गांजा बरामद किया गया है। वहीं एक वर्ष में करीब 52 हजार किलो गांजा बरामद किया गया है तो 829 किलो चरस व 49 किलो हेरोइन तथा 20 किलो से ज्यादा कोकिन बरामद हुआ है। भारतीय नागरिकों के पसंदीदा पर्यटन देश थाईलैंड के साथ ड्रग्स का ऐंगल शामिल होना चिंता का सबब है। भारतीय नागरिक इस ”ड्रग्स टेरेरिज्म” के चंगुल में फंसते नजर आ रहे हैं।

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हवाई मार्ग से नेपाल आए ड्रग्स स्थल मार्ग से पहुंचता है भारत

नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के प्रमुख कोइराला ने एक मामले का जिक्र करते हुए बताया कि 49 वर्षीय भारतीय नागरिक अब्दुस समाद जामिल मन्सुरी महाराष्ट्र मुम्बई के निवासी को बीते दिन थाइलैंड गया, जिसके बाद अजरबैजान पहुंच कर एक सुटकेस लेकर नेपाल वापस लौट आया। काठमांडू में त्रिभुवन अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्‌डा पर उतरे इस शख्स को नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो ने शंका के आधार पर गिरफ्तार किया था जिसमें 3 किलो 400 ग्राम कोकिन बरामद किया गया था।

अजरबैजान से पटना तक ड्रग्स पहुंचाने के लिए दिये गये थे रुपये

उसने पूछताछ में बताया था कि उस सूटकेस को अजरबैजान में मिले एक व्यक्ति के द्वारा उक्त सूटकेस को स्थल मार्ग से पटना से दिल्ली से मुम्बई तक पहुंचाने को कहा गया था इसके लिए कुछ रुपए दिए गए थे। वहीं इससे कुछ दिन पूर्व साढे़ 6 किलोग्राम हेरोइन के साथ एक 65 वर्षीय भारतीय नागरिक राकेश ओहाव को नेपाल पुलिस ने गिरफ्तार किया था। इसके साथ रहे लगेज में पाउडर का पेस्ट बना कर हिरोइन को छुपा कर रखा गया था।

तस्करी का बदला ट्रेंड, विदेशी की जगह अब भारतीय नागरिक विदेशी ड्रग्स तस्करी में शामिल

विदेश से हवाईमार्ग होते हुए नेपाल के रास्ते ड्रग्स तस्करी में प्राय : विदेशी नागरिकों की गिरफ्तारी नेपाल में होती थी, लेकिन अब यह ट्रेंड बदल गया है। विदेश से ड्रग्स की खेप लाने वालों में लगातार भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी हो रही है, जो चिंता का विषय है। बताया जाता है कि भारत में थाईलैंड के गांजा की मांग अधिक है जिसकी कीमत करोड़ रुपए तक मिलती है। इसी वजह से थाईलैंडी गांजा की तस्करी बढ़ी है। छोटे पैमाने व विशेष केमिकल देकर तैयार किए गए इस गांजे की खेप को सीमा पार करने में आसानी होने की बात कहीं जाती है।

''ड्रग्स टेरेरिज्म'' का शिकार हो रहे भारतीय नागरिकIndians are victims of "drug terrorism"
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