भोजपुर पुलिस भी तस्कर और आभूषण कारोबारी के कनेक्शन की कर रही गहन जांच
आवश्यकता पड़ने पर पूछताछ के लिए तस्कर को रिमांड पर भी ले सकती है पुलिस
आरा (Voice4bihar News)। भोजपुर जिले में पकड़े गए सोना तस्करी के अंतरराष्ट्रीय गिरोह को लेकर जांच एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं। नेपाल से जुड़े सोना तस्करी की जांच अब आयकर विभाग के साथ कस्टम विभाग भी अपने स्तर से करेगी। मामला आरा के नवादा थाना क्षेत्र का है, जहां एक सोना तस्कर राम नरेश पांडेय को सौ-सौ ग्राम के 5 सोने के बिस्किट व 40 हजार रुपये कैश के साथ पकड़ा गया था।
सोना तस्करी गिरोह के बारे में कस्टम विभाग को दी गयी सूचना
आरा में नेपाली सोने के बिस्किट के साथ तस्कर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस की ओर से कस्टम विभाग को सूचना दी गई है। ऐसे में माना जा रहा है कि कस्टम विभाग की टीम जल्द ही मामले की जांच करने आरा आ सकती है। वहीं, आयकर विभाग द्वारा भी अपने स्तर से जांच की जा रही है। इधर, भोजपुर पुलिस की ओर से अपने स्तर से तस्कर के नेटवर्क को खंगाला जा रहा है। तस्कर और आभूषण कारोबारी की कनेक्शन की भी जांच की जा रही है।
गिरफ्तार सोना तस्कर राम नरेश पांडेय को भेजा गया जेल
दूसरी ओर पूछताछ के बाद गिरफ्तार सोना तस्कर राम नरेश पांडेय को जेल भेज दिया गया है। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान आवश्यक पड़ी, तो तस्कर को रिमांड पर भी लिया जा सकता है। बता दें कि मंगलवार की सुबह नवादा थाने की पुलिस द्वारा करमन टोला पेट्रोल पंप के समीप से सौ-सौ ग्राम के सोने के पांच बिस्किट के साथ बक्सर जिले के अंतरराष्ट्रीय तस्कर को गिरफ्तार किया गया था।
आरा के करमन टोला से सोने के पांच बिस्किट के साथ पकड़ा गया था तस्कर
मूल रूप से बक्सर जिले के डुमरांव थाना क्षेत्र के पुराना भोजपुर गांव निवासी राम नरेश पांडेय फिलहाल अपने ससुराल गीधा थाना क्षेत्र के कायम नगर गांव में रहता था। पुलिस की पूछताछ में तस्कर ने बताया था कि नेपाल के वीरगंज से सोना की तस्करी कर आरा के गोपाली चौक स्थित एक आभूषण दुकान के मालिक मुन्ना जी को बेचता था। उसके लिए वह रक्सौल के पास सीमा पार कर बिहार आता था।
पहले भी आभूषण कारोबारी मुन्ना जी को बेच चुका है सोना
पुलिस के अनुसार उसने पूर्व में भी आभूषण कारोबारी मुन्ना जी को सोना बेच चुका है। ऐसे में पुलिस पूरे मामले की तह तक जाने में जुटी है। उल्लेखनीय है कि भारत व नेपाल के बीच खुली सीमा का फायदा उठाते हुए विभिन्न प्रकार के तस्कर गिरोह सक्रिय हैं। इनमें मादक पदार्थों से लेकर बेशकीमती वस्तुएं व आम उपभोक्ता वस्तुएं शामिल हैं। इन गिरोहों पर लगाम लगाने के लिए सुरक्षा एजेंसियां लगी रहती हैं।