पटना (voice4bihar news)। गंगा के दो किनारों को एक करने के लिए सड़क के बाद अब रेलवे भी पहल कर रहा है। दीदारगंज-बिदुपुर रेल सह सड़क पुल बनाने का काम तेजी से जारी है। इस पुल का राघोपुर दियारा लेन चालू कर दिया गया है। अब इसे बिदुपुर के चकसिकंदर तक बनाने का काम तेजी से जारी है। इसके साथ ही बख्तियारपुर से ताजपुर पुल सह सड़क बनाने का काम भी जारी है। इसके ताजपुर से बरुणा खंड का काम पूरा हाे गया है कि बरुणा से बख्तियारपुर खंड का काम तेजी से जारी है। ये दोनों पुल सह सड़क वर्ष 2027 में बनकर तैयार हो जाएंगे।
इस बीच रेल मंत्रालय ने फतुहा को बिदुपुर से रेल लाइन से सीधे जोड़ने की कवायद शुरू की है। अब तक फतुहा के लोगों को बिदुपुर जाने के लिए पटना के जीरो माइल से आकर महात्मा गांधी सेतु के रास्ते हाजीपुर होते हुए जाना होता है। यह दूरी करीब 30 किलोमीटर होती है। लेकिन अब रेल लाइन से सीधे जुड़ने पर यह दूरी घटकर केवल 10 किलोमीटर रह जायेगी।
06 किमी लंबी पाटलिपुत्र-दानापुर और 06 किमी लंबी पाटलिपुत्र-फुलवारीशरीफ यानी कुल 12 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के दोहरीकरण के लिए 28.8 लाख रुपये की लागत से फाइनल लोकेशन सर्वे किया जायेगा। 06 किमी लंबे नेउरा बाइपास लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे पर 18 लाख रुपये खर्च होंगे।
आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में ECR की जिन 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी दी गयी उसमें फतुहा-बिदुपुर रेल लाइन भी शामिल है। 30 लाख रुपए की लागत से गंगा नदी पर रेलपुल के साथ 10 किमी लंबे फतुहा-बिदुपुर नई लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे किया जायेगा। 18 लाख रुपये की लागत से फतुहा के पास 06 किमी लंबे रेल फ्लाई ओवर का निर्माण भी किया जायेगा।
रेल अवसंरचना के विकास के लिए रेल मंत्रालय ने ECR के क्षेत्राधिकार में 1051 लाख रुपये से अधिक की लागत से जिन 12 परियोजनाओं के फाइनल लोकेशन सर्वे की मंजूरी प्रदान दी है उसमें 309.6 लाख रुपये की लागत से 129 किमी लंबी सकरी-फारबिसगंज दोहरीकरण और 237 लाख रुपये की लागत से 11 किमी लंबे ओलापुर-उमेशनगर बाइपास लाइन के साथ 85 किमी लंबी समस्तीपुर-हसनपुर-खगड़िया रेल लाइन का दोहरीकरण भी शामिल है।
232.8 लाख रुपये की लागत से 97 किमी लंबी आरा-सासाराम रेल लाइन दोहरीकरण के साथ डीएफसी लाइन से कनेक्टिविटी, मुजफ्फरपुर जं. पर ट्रैफिक दबाव कम करने के उद्देश्य से 69 लाख रुपये की लागत से 23 किमी लंबी सिलौत-जुब्बासहनी बाइपास लाइन का निर्माण भी किया जाना है।
नेपाल बॉर्डर के पास बीरपुर- ललितग्राम 22 किमी लंबी नई लाइन के 66 लाख रुपए और और कुचमन और गंजख्वाजा के मध्य आरओआर के साथ 06 किमी लंबे पं. दीनदयाल उपाध्याय बाइपास लाइन पर 18 लाख की लागत आएगी।
12 लाख की लागत से 04 किमी लंबे बिहार शरीफ बाइपास लाइन और 12 लाख रुपये की लागत से 04 किमी लंबी दनियावां बाइपास लाइन का फाइनल लोकेशन सर्वे किया जाना है। 309.6 लाख की लागत से 129 किमी लंबे सकरी-फारबिसगंज और 3169 करोड़ से भागलपुर-दुमका-रामपुरहाट रेल लाइन का दोहरीकरण किया जाना है।