अपहृत शिक्षक को छुपाने के लिए अपराधियों ने घर को बना रखा था अभेद्य किला
दरवाजे के भीतर पैर रखते ही बज उठा अलार्म, चारों तरफ लगा था बिजली का करंट
पंकज प्रताप मौर्य के साथ बजरंगी कुमार की रिपोर्ट
सासाराम (Voice4bihar news)। सासाराम के तकिया मुहल्ले में मुठभेड़ के बाद पुलिस के हत्थे चढ़े अपहरण गैंग की प्लानिंग पुलिस के अनुमान से भी ज्यादा खतरनाक थी। ऑपरेशन की सफलता के बाद इस पर चर्चा करते हुए रोहतास पुलिस कप्तान रौशन कुमार ने जो जानकारी शेयर की, वह रोंगटे खड़े करने वाला है। इसके साथ ही फूलप्रूफ प्लानिंग के साथ अपराध जगत में खड़ा होने वाले एक दुर्दांत गैंग का खुलासा हुआ है। जो अब तक लूट हत्या अपहरण शराब तस्करी जैसे तीन दर्जन से अधिक कांडों में संलिप्त रहा है। इस गैंग के अन्य सदस्यों की पहचान भी कैमूरांचल में हुई है।
अपहरण गैंग के अड्डे पर बिछा था मौत का जाल
मुठभेड़ स्थल के बारे में चर्चा करते हुए रोहतास एसपी रौशन कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय में होने के बावजूद इन अपराधियों ने धान के खेत में सासाराम-बक्सर मुख्य सड़क के किनारे ऐसे दो मंजिले भवन को अपना आपराधिक अड्डा बना रखा था। इस मकान की संरचना ऐसी है कि मकान के ऊपरी मंजिल से सासाराम-बक्सर मुख्य सड़क पर आने जाने वाले व्यक्ति व वाहन की एक-एक गतिविधि पर सहजता से नजर रखा जा सकता है। चारों तरफ खेत, जिससे कि अपहरण गैंग के अड्डे तक पगडंडियों के रास्ते आगे बढ़ते किसी व्यक्ति या पुलिस के मूवमेंट को अड्डे पर बैठे अपराधी आसानी से अपना निशाना बना सकते हैं।
दोमंजिला मकान में एक मंजिल तक ही बनी थी सीढ़ी
आपराधिक अड्डे की आंतरिक संरचना पर चर्चा करते हुए पुलिस कप्तान ने बताया कि अंदर में दो मंजिला मकान होने के बावजूद एक मंजिल तक पहुँचने के बाद सीढ़ी की संरचना ऐसी स्थिति में समाप्त होती है, जैसे आगे कोई रास्ता ही नहीं। लेकिन वहां से या तो फांद कर ऊपर जाना संभव है या छत के ऊपर बैठा व्यक्ति हाथ बढ़ाकर खींचे तो दूसरी मंजिल के लिए रास्ता शुरू होता है। इसके अलावा मकान में अंदर की दीवारों पर मौत का जाल बिछा है। विद्युत कनेक्शन के बिना हीं टोका फंसाकर पूरे मकान की सीढ़ियों पर दीवार में करंट लगाकर मौत का जाल अपराधियों ने बिछा रखा था।
बजा अलार्म और बाल-बाल बचे आपरेशन टीम के सदस्य
एसपी रौशन कुमार के मुताबिक, अपहरण गैंग के चंगुल से अपहृत शिक्षक दिलीप कुमार को छुड़ाने के लिए बढै़याबाग पहुंची पुलिस टीम के सदस्य जैसे हीं अड्डे में प्रवेश करते हुए गेट पर पहुंचे, गेट के पास बिछाई गयी ईंट की सोलिंग के नीचे अलार्म स्विच सेट था। उस पर पैर पड़ते की अलार्म बजा और फायरिंग शुरू। पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभाला और आगे बढ़ी। पुलिसकर्मी मकान की सीढ़ी के रास्ते जैसे हीं ऊपर जाने के लिए बढ़े, दीवार पर हाथ रखते ही करंट के झटके ने पुलिस टीम को हिला कर रख दिया। बहरहाल, इन विपरीत हालातों में भी पुलिस टीम संभली और ऑपरेशन सफल रहा।
अपराधियों के कट्टा से लैश होने की थी इनपुट, करंट के जाल की नहीं
एसपी रौशन कुमार के अनुसार, मोबाइल लोकेशन के आधार पर सीएनजी ऑटो से दबोचे गये अखिलेश, अनिल और राहुल से जो इनपुट मिली थी, उसके आधार पर दो बातें स्पष्ट थी। पहला यह कि अपहरण गैंग के पास आधुनिक हथियार की बजाए कट्टे ही उपलब्ध हैं और दूसरा यह कि अपहृत शिक्षक को बिस्तर पर बांध कर रखा गया है। लेकिन मकान में बिजली के नंगे तार में मौत दौड़ती है, यह इनपुट गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को शेयर नहीं किया था। ऑपरेशन में शामिल पुलिस के सभी सदस्यों ने बुलेट प्रूफ जैकेट पहन रखा था, लेकिन दीवारों पर दौड़ते करंट से अनभिज्ञ थे।
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हल्का अंधेरा होने कारण दूर से आती पुलिस को नहीं देख सके अपराधी
अपहर्ताओं का लोकेशन ट्रेस होने के बाद पुलिस टीम पूरी तैयारी के साथ छापेमारी करने पहुंची थी। पुलिस कप्तान रोशन कुमार ने बताया कि हम लोगों ने उसी टाइम पर छापेमारी का प्लान बनाया जब न तो रात होती है और ना दिन। हल्का अंधेरनुमा होने का वक्त था, इसलिए अपराधी पुलिस को देख नहीं पाये। जो अपराधी पिस्टल लेकर छत पर पहरा दे रहा था, उसके नजदीक जाने पर उसने पुलिस को देख लिया और अपने साथियों को अलर्ट कर अपने बचाव में फायरिंग करने लगा।
प्रथम तल पर पहुंचते ही खत्म हो गयीं सीढ़ियां
दरवाजा खुलने के चंद सेकेंड में ही पुलिस ने घर के अंदर प्रवेश करने की कोशिश की तो दरवाजे पर नीचे अलार्म सिस्टम फिट किया हुआ था। यही नहीं, दरवाजे के अंदर सीढ़ी के पास दीवार पर चारों तरफ 440 वोल्ट का नंगे तार से करंट बिछाया गया था। मकान के अंदर घुसी पुलिस छत की ओर बढ़ी, लेकिन मकान की सीढ़ियां आधी दूरी पर जाकर खत्म हो गयी। वहां से छत पर चढ़ने के लिए छलांग लगाने की जरूरत थी, लेकिन इसमें खतरा यह था कि हाथ से पकड़ने वाली जगह पर बिजली का करंट लगाया गया था। छत पर फांदने की कोशिश में एक जवान को करंट का झटका भी लगा।
मुठभेड़ के बाद अपहृत को बचाया, अपहरण गैंग का पर्दाफाश
तमाम जोखिम के बावजूद बड़ी सावधानी से इस ऑपरेशन को सफल बनाया गया। बहरहाल, पुलिस ने अपहृत शिक्षक दिलीप कुमार को उसी मकान के प्रथम तल से सकुशल बरामद कर लिया। पुलिस पर फायरिंग कर रहे दो अपहरणकर्ता प्रभात कुमार उर्फ सोनु एवं सुरेश राम के पैर में गोली लगी। उन दोनों के अलावा दो अन्य अपराधकर्मी इंदल राम तथा रामाशीष शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया। इन मामले में अबतक 7 अपराधियों की गिरफ्तारी के साथ ही अपहरण कांड का पूरी तरह पटाक्षेप हो गया है।