नेपाल की राजनीति में संवैधानिक संकट, कौन बनेगा प्रधानमंत्री, इस पर संशय बरकरार

नेपाल में फिर से राजतंत्र आएगा या गणतंत्र!, आम लोगों में तरह-तरह की चर्चा

राजेश कुमार शर्मा की रिपोर्ट

जोगबनी (Voice4bihar News)। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में पिछले दिनों पैदा हुआ राजनीतिक संकट गहरा होता जा रहा है। राजनीतिक सहमति नहीं बन पाने के कारण लगातार अंतरिम प्रधानमंत्री बनाने पर फैसले की समय सीमा लगातार बढ़ती जा रही है। पिछली सरकार के अपदस्थ होने के बाद नए प्रधानमंत्री पद को लेकर राजनीतिक हलकों समेत आम नागरिकों के बीच कई नामों की चर्चा है।

दूसरी तरफ, नेपाल में अंतरिम सरकार के गठन की प्रक्रिया में देरी से नेपाल के आम नागरिकों का जनजीवन अस्त व्यस्त होता जा रहा है। चार दिनों से यातायात के साधन ठप्प होने से छोटे व्यापारी पलायन की स्थिति में आ गए हैं। शुक्रवार को भी नेपाल में सत्ता की बागडोर किसके पास होगी, इस पर असमंजश बना हुआ है। लोगों को उम्मीद थी कि शुक्रवार को सुबह 9 बजे सरकार गठन की घोषणा हो सकती है लेकिन अब दो बजे के बाद का समय निर्धारित किया गया है।

गुरुवार से हो रही है कसरत, राजनीतिक घुसपैठ से जटिल बना माहौल

अंतरिम सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी करने के लिए गुरुवार से ही राजनीतिक दल, संविधानविद्, कानूनविद् व जेनजी प्रतिनिधि के साथ राष्ट्रपति पौडेल वार्ता कर रहे हैं। जेनजी प्रतिनिधि के मांग अनुरूप सरकार का नेतृत्व पूर्वप्रधानन्यायाधीश सुशीला कार्की को देने की सहमति बनी है, लेकिन संविधान में आने वाली अड़चनों का किस तरह से समाधान किया जाएगा, इसका हल नहीं निकल पाया है।

सेना प्रमुख की चीन यात्रा स्थगित की गयी

दूसरी ओर, नेपाल के सेना प्रमुख अशोक राज सिग्देल की चीन यात्रा स्थगित कर दी गई है। सैन्य मुख्यालय के सूत्रों ने बताया है कि देश में मौजूदा हालात को देखते हुए उनकी चीन यात्रा को स्थगित कर दी गई है। सैन्य मुख्यालय के सूत्रों के अनुसार, देश की मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए, सेना प्रमुख ने चीन की अपनी पूर्व निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है।

Constitutional crisis in Nepalनेपाल में संवैधानिक संकट
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