जातीय जनगणना में चिह्नित 94 लाख गरीब परिवारों को मिलेंगे 2-2 लाख रुपये, नीतीश ने दिया चुनावी तोहफा!

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की घोषणा, हर दो वर्ष में आर्थिक गणना कराएगी राज्य सरकार
पश्चिमी चम्पारण के बेतिया में मुख्यमंत्री ने किया एनडीए कार्यकर्ताओं को संबोधित
बेतिया (Voice4bihar News)। जदयू-राजद सरकार के दौरान बिहार में हुई जातीय जनगणना के डाटा का इस्तेमाल वर्तमान सरकार गरीब परिवारों के उत्थान के लिए करेगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ा ऐलान किया है। जातीय गणना में चिन्हित 94 लाख आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को दो-दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
पश्चिम चंपारण के दौरे पर पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को एनडीए कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए बिहार के विकास और समृद्धि की नई योजनाओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि गरीबों को आर्थिक सहायता के साथ ही हर दो वर्ष में आर्थिक गणना कर गरीबों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का प्रयास किया जाएगा।

हर परिवार को दी जा रही 125 यूनिट बिजली मुफ्त

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में अब हर घर को प्रतिमाह 125 यूनिट मुफ्त बिजली दी जा रही है। इसके अलावा, सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के सहयोग से लोगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने 2005 से पहले की स्थिति का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय बिहार में डर और असुरक्षा का माहौल था। लोग शाम होते ही सुरक्षित स्थान तलाशते थे। लेकिन 2005 के बाद परिस्थितियों में व्यापक बदलाव आया।

अभी और 7 जिलों में जल्द स्थापित होंगे मेडिकल कॉलेज

सीएम ने कहा कि हमारी सरकार बनने के बाद सड़क, बिजली, पानी जैसी आधारभूत संरचनाओं का निर्माण हुआ, जिससे बिहार की तस्वीर बदली। स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में हुए सुधारों पर जोर देते हुए नीतीश ने कहा कि पहले बिहार में केवल छह मेडिकल कॉलेज थे, जो अब बढ़कर 12 हो गए है। सात और जिलों में मेडिकल कॉलेज जल्द स्थापित होंगे।

स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में सरकार की उपलब्धियां गिनाई

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) में पहले महीने में केवल 49 मरीज आते थे, लेकिन अब औसतन 11,600 मरीज इलाज के लिए आ रहे है, जिन्हें मुफ्त दवाएं और सुविधाएं दी जा रही है। पीएमसीएच को 5,400 बेड और आईजीएमएस को 3,000 बेड का अत्याधुनिक अस्पताल बनाने की योजना है।

बीपीएससी के माध्यम से 2.58 लाख शिक्षक हुए भर्ती

शिक्षा के क्षेत्र में भी बिहार ने उल्लेखनीय प्रगति की है। नीतीश कुमार ने बताया कि वर्तमान में बिहार में 5.20 लाख सरकारी शिक्षक कार्यरत है। बीपीएससी के माध्यम से 2.58 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है, और 2.62 लाख नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षापास कर विशिष्ट शिक्षक बन चुके है। शेष 77,000 शिक्षकों को भी विशिष्ट शिक्षक बनाने की प्रक्रिया जारी है।
कार्यक्रम में मंचासीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व एनडीए के नेतागण।

एनडीए सरकार ने आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी

रोजगार के मोर्चे पर नीतीश ने कहा कि एनडीए सरकार ने आठ लाख युवाओं को सरकारी नौकरी दी, जबकि 10 लाख को नौकरी और 49 लाख को रोजगार दिया गया। अगले पांच वर्षों में एक करोड़ युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का लक्ष्य है। महिलाओं के सशक्तीकरण पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि बिहार पुलिस में सबसे अधिक महिलाएं कार्यरत है, जिससे महिलाओं को त्वरित न्याय मिल रहा है।
2006 में पंचायतों और नगर निकायों में महिला आरक्षण लागू किया गया, जिसके बाद बड़ी संख्या में महिलाएं जनप्रतिनिधि बनी। जीविका मॉडल की सफलता का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि 11 लाख स्वयं सहायता समूहों से 1.40 करोड़ जीविका दीदियां जुड़ी है। जीविका दीदियों को पहले 10 प्रतिशत ब्याज पर लोन मिलता था, जिसे अब घटाकर सात प्रतिशत कर दिया गया है।
नीतीश ने सभी पंचायतों में विवाह भवन बनाने के लिए 4,026 करोड़ रुपये की स्वीकृति की बात दोहराई। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, जदयू के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष संजय झा, केंद्रीय राज्यमंत्री सतीश चंद्र दुबे, मंत्री विजय चौधरी, रेणु देवी, जनक राम, सांसद संजय जायसवाल, विधायक विनय बिहारी, नारायण साह, उमाकांत सिंह, रश्मि वर्मा, विधान पार्षद भीष्म सहनी, पूर्व विधायक दिलीप वर्मा, राजेश सिंह, प्रदीप सिंह और अन्य गणमान्य उपस्थित थे।
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