फिर पकड़ाया घूसखोर अफसर, निगरानी ने दारोगा को रिश्वत लेते रंगेहाथ धर दबोचा

औरंगाबाद टाउन थाना में पदस्थापित दारोगा वसूल रहा था 20 हजार रुपये

मिनी गैस एजेंसी संचालक ने निगरानी अन्वेषण ब्यूरो में दर्ज कराई थी शिकायत

औरंगाबाद (Voice4bihar News)। निगरानी अन्वेषण ब्यूरो की टीम ने औरंगाबाद नगर थाना के दारोगा उमेश राम को थाना गेट पर 20 हजार रुपये रिश्वत लेते रंगेहाथ गिरफ्तार किया है। एक मिनी गैस एजेंसी के संचालक के यहां से जब्त किये गए गैस सिलिंडर को वापस करने के एवज में 20 हजार रुपये की रिश्वत वसूल ले रहे थे। राज्य में भ्रष्टाचार पर लगातार कार्रवाई के बावजूद घूसखोर अफसर अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहे हैं।

गैस एजेंसी का सीएसपी ब्रांच चलाती हैं शिकायतकर्ता की पत्नी

निगरानी सूत्रों ने बताया कि औरंगाबाद नगर शहर के वार्ड-23 बराटपुर निवासी अधिवक्ता राजेश कुमार सिन्हा ने निगरानी में शिकायत की थी कि वे अपने आवास पर गैस एजेंसी का सीएसपी ब्रांच चलाते हैं। यह ब्रांच उनकी पत्नी सीमा कुमारी के नाम से है। इस ब्रांच को लेकर वार्ड पार्षद आरती श्रीवास्तव ने अनियमितता की शिकायत अनुमंडल पदाधिकारी के यहां दर्ज कराई गई थी।

प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने छापेमारी में जब्त किये थे गैस सिलिंडर

शिकायत के आलोक में औरंगाबाद के प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी के नेतृत्व में छापेमारी की गई थी और 80 गैस सिलेंडर जब्त किया गया, जिसमें 60 खाली तथा 20 भरे हुए थे। इस मामले में औरंगाबाद नगर थाना में कांड संख्या 200/25 दर्ज किया गया था। इस कांड के अनुसंधानकर्ता दारोगा उमेश राम बनाए गए। अनुसंधानकर्ता को उन्होंने बताया कि गैस एजेंसी सीएसपी ब्रांच के नॉर्म्स के हिसाब से कोई भी सीएसपी संचालक अपने यहां 100 किलोग्राम तक भरा हुआ गैस रख सकता है लेकिन उन्होंने एक नहीं सुनी और परेशान करने लगे।

रात के 9:00 बजे निगरानी के हत्थे बढ़ा घूसखोर दारोगा

दारोगा उमेश राम जब्त किये गए गैस सिलिंडर को छोड़े जाने के एवज में 20 हजार रुपये की डिमांड करने लगे। इसकी सूचना निगरानी अन्वेषण ब्यूरो, पटना को दी गई। सूचना पर निगरानी के डीएसपी विंध्याचल प्रसाद और पवन कुमार के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय टीम ने दारोगा को थाना गेट पर बुधवार को रात करीब 9:00 बजे 20 हजार नगद रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोच लिया।

आरोपी को न्यायालय से मिल चुकी है जमानत लेकिन जब्त सामान नहीं हुआ मुक्त

इस संबंध में निगरानी के डीएसपी पवन कुमार ने बताया कि बराटपुर निवासी राजेश कुमार सिन्हा की पत्नी के नाम से सुंदरम भारत ग्रामीण गैस वितरण केंद्र चलाया जा रहा था और प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ने इस संबंध में नगर थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। मामले में सीएसपी संचालक को न्यायालय से जमानत मिल चुका है लेकिन दारोगा द्वारा लाभ देने और गैस की टंकी मुक्त करने के एवज में 20 हजार रुपए की मांग की जा रही थी। इसकी शिकायत राजेश कुमार सिन्हा ने निगरानी में की थी।

दूसरे जिले में ट्रांसफर होने के बावजूद नहीं सौंपा था चार्ज

शिकायत की सत्यता की जांच कर विभाग में एक प्राथमिकी दर्ज कर कार्रवाई की गई, जिसमें दारोगा उमेश राम को नगर थाना के गेट पर ही बीस हजार की रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया गया। मामले में आगे की कार्रवाई की जा रही है। जानकारी के मुताबिक निगरानी के हत्थे चढ़े दारोगा का स्थानांतरण नालंदा के लिए हो गया था और मंगलवार को एसपी ने उन्हें विरमित भी कर दिया था लेकिन स्थानांतरण के बाद भी उनके द्वारा अपना चार्ज समर्पित नहीं किया गया था और वे निगरानी के जाल में फंस गए।

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