संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू के साथ बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार भी बने इस पल के साक्षी
राजगीर (Voice4bihar News)। राजगीर की ऐतिहासिक व पवित्र भूमि पर नवनिर्मित भूटान बौद्ध मंदिर का उद्घाटन भूटान के महान धर्मगुरु जे खेम्पो एवं भूटान के प्रधानमंत्री दाशों शेरिंग टोवगे ने संयुक्त रूप से किया। इस मौके पर केंद्रीय संसदीय मंत्री किरण रिजिजू एवं बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार सहित भूटान से आए बौद्ध धर्मावलंबी व काफी संख्या में बौद्ध भिक्षुओं ने भाग लिया। नवनिर्मित भूटान बौद्ध मंदिर में बौद्ध भिक्षुओं ने पारंपरिक तरीके से धार्मिक अनुष्ठान कर मंदिर की परिक्रमा की।
दोनों देशों के आपसी मित्रता संबंधों को मिलेगी मजबूती : किरण रिजिजू
इस मौके पर भारत के संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा कि आज भारत व भूटान दोनों देशों के लिए ऐतिहासिक दिन है। राजगीर हमारे देश के लिए ही नहीं भूटान समेत दुनिया भर के लिए बौद्ध धर्म केंद्र रहा है। उन्होंने कहा कि भारत व भूटान के पुराने संबंधों को आध्यात्मिक धार्मिक राजनीति के हमारे दोनों जनता के बीच आपसी मित्रता संबंध को और मजबूत करने के लिए प्रतीक साबित होगा।
किरण रिजिजू ने कहा कि भारत-भूटान के मैत्रीपूर्ण संबंध पारस्परिक विश्वास सद्भावना और समाज पर आधारित है। दोनों देश एक विशेष संबंध साझा करते हैं। राजगीर में भूटान बौद्ध मंदिर के शुभारंभ हो जाने के बाद आपसी धर्म के प्रति लोगों को आस्था और विश्वास बढ़ेगी।
उन्होंने कहा कि भूटान और भारत के बीच मैत्री का सशक्त प्रतीक बनेगा बल्कि दोनों देशों के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन संबंधों में भी नई दिशा देने का काम करेगी। बिहार के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सभी धर्म के लोगों का ख्याल रख रहे हैं। मुख्यमंत्री नीतीश का संदेश लेकर हम इस कार्यक्रम में आए हैं।
कई विशेषताओं को समेटे है भूटान बौद्ध मंदिर
भूटान बौद्ध मंदिर बौद्ध परंपरा के अनुरूप फूल-मालाओं, ध्वज-पताकाओं व रंग-बिरंगे सजावटी कपड़ों से सजाया गया है। मंदिर पारंपरिक भूटानी वास्तुकला शैली में निर्मित है। इसमें लकड़ी की नक्काशी, रंगीन चित्रांकन और ऊंचे स्तूप जैसे शिखर आकर्षण का केंद्र है। मंदिर के अंदर बुद्ध की भव्य प्रतिमा स्थापित की गई है। उसके चारों ओर भूटानी धार्मिक चित्रों दुथांका पेंटिंग्स) और प्रतीकों से दीवारें सजाई गई है।
प्रार्थना चक्र से लेकर ध्यान स्थल तक सबकुछ मौजूद
मंदिर परिसर में प्रार्थना चक्र (प्रेयर व्हील्स), भिक्षुओं के ध्यान स्थल और श्रद्धालुओं के लिए प्रार्थना कक्ष बनाए गए हैं। वास्तुकला में लकड़ी, मिट्टी और पत्थर का संतुलित उपयोग भूटानी संस्कृति की झलक देता है। यह राजगीर के प्राकृतिक वातावरण से भी गहरा सामंजस्य स्थापित करता है। कार्यक्रम में नालंदा के जिलाधिकारी कुंदन कुमार, पुलिस अधीक्षक भारत सोनी, बौद्ध किनले सहित देश भर से आए सैकड़ों बौद्ध धर्मावलंबी व काफी संख्या में बौद्ध भिक्षु उपस्थित रहे।
भूटान की महिलाएं व पुरुषों ने पारंपरिक लोकगीतों से लुभाया
राजगीर में भूटान बौद्ध मंदिर के उद्घाटन के बाद भूटान की महिला वह पुरुष कलाकरों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश कर इंद्रधनुषी छटा पेश की। यहां भूटान के पारंपरिक लोकगीत, पारंपरिक नाटक, मुखौटा नृत्य एवं बिहार के लोकगीतों पर आधारित नृत्य-संगीत की प्रस्तुति की गई। इसे देखकर आगत अतिथि व उपस्थित दर्शक वाह-वाह कर उठे।
भारत व भूटान की साझा विरासत को किया चित्रित
सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देख ऐसा लग रहा था कि राजगीर की पावन भूमि पर भूटान की पारंपरिक गीत गाथा लोगों में समाहित हो गई। स्थानीय जनता एवं प्रबुद्ध लोगों ने इस नृत्यांगना एवं गीत संगीत के समागम को खूब सराहा। बताया जाता है कि भूटान देश की सांस्कृतिक विरासत भारत की पुरानी परंपराओं को अपने भीतर समेटे है, जो इसे एक अनूठी झलक प्रदान करता है।
बुद्धम् शरणम गच्छामि से लेकर बिहार के लोकगीतों तक हुई प्रस्तुति
भूटान एक ऐसा देश है जो अपने मूल धर्म और सांस्कृतिक विचित्रताओं पर गर्व करता है, जिसमें सामुदायिक भागीदारी व स्थानीय संगीत का प्रदर्शन करते हैं। “बुद्धम् शरणम गच्छामि, धर्मम् शरणम् गच्छामि” एवं बिहार के लोकगीत गाकर लोगों के दिलों में जगह बनाई।