एंबुलेंस व्यवस्था लचर, मरीजों के परिजनों की टूट रही कमर
बढ़ते कोरोना मरीजों के लिए रोहतास में कम पड़ रहे एंबुलेंस
सरकारी व्यवस्था हुई लाचार, निजी एंबुलेंस वसूल रहे 5-6 गुना तक किराया
रोहतास से बजरंगी कुमार सुमन की रिपोर्ट
सासाराम (voice4bihar news)। कोरोनाकाल में जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित सदर अस्पताल में भी एंबुलेंस सेवा की व्यवस्था लचर हो चुकी है। नियम तो यह है कि 102 नंबर पर कंट्रोल रूम में फोन कर एंबुलेंस की बुकिंग करने के बाद सेवा मिलती है। लेकिन मरीजों के परिजनों के मुताबिक इस नंबर पर जल्दी फोन ही रिसीव नहीं होता है।
26 में से तीन एंबुलेंस ही कोरोना मरीजों को दे रहे सेवा
विभागीय सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार रोहतास जिले में अभी सरकारी स्तर पर 26 एंबुलेंस हैं। जिसमें तीन एंबुलेंस को कोविड के मरीजों के लिए रिजर्व रखा गया है। वहीं बाकी के 23 एंबुलेंस में दो सदर अस्पताल में एक-एक डेहरी व बिक्रमगंज अनुमंडलीय अस्पताल में व बाकी 19 एंबुलेंस सभी पीएचसी के लिए हैं।
निर्देश के बावजूद किराये पर नहीं रखे गए एंबुलेंस
कोरोनाकाल में मरीजों की संख्या बढ़ते देख विभाग ने सभी पीएचसी को एक-एक एंबुलेंस आपातकालीन स्थिति के लिए किराए पर लेने का निर्देश दिया है, लेकिन अभी तक जिले में किसी पीएचसी या सीएचसी में अतिरिक्त एंबुलेंस की सेवा नहीं ली जा रही है। प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों सहित स्वास्थ्य प्रबंधकों को किराये पर लिये गये एम्बुलेंस के भुगतान पर संशय बरकरार है ।
राज्य सरकार ने जारी किया है सरकारी एंबुलेंस का किराया
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पूरे बिहार में एंबुलेंस संचालन के लिए सरकार ने प्रति किलोमीटर के हिसाब से एंबुलेंस की गुणवत्ता को देखते हुए किराया निर्धारित कर आदेश जारी किया है। इस दर के अनुसार यदि एंबुलेंस का संचालन नहीं किया जाता है तो आम जनता एंबुलेंस चालक के विरुद्ध एंबुलेंस के नंबर सहित शिकायत करते हुए कार्रवाई करने का आवेदन दे सकती है।
निजी एंबुलेंस की मनमानी से परेशानी
सासाराम शहर में निजी स्तर पर क्लिनिकों में 15 व अन्य में 10 यानि कुल मिलाकर 25 एंबुलेंस हैं। लेकिन निजी एंबुलेंस सेवा में मनमाने तरीके से किराए की वसूली जा रही है। निजी एंबुलेंस की हालत यह है कि पहले जहां शहर से नारायण मेडिकल कॉलेज हॉस्पीटल (एनएमसीएच) जाने के लिए 500 रुपए लगते थे, वहां के लिए अब 25 सौ से तीन हजार तक वसूल रहे हैं। वहीं बनारस के लिए एंबुलेस 2500-3000 रुपए की जगह पांच से छह हजार की वसूली हो रही है।

अब तो हालात यह है कि एंबुलेंस के लिए किराया बढ़ाने के बावजूद लोगों को समय पर एंबुलेंस नहीं मिल रहा है। विदित हो कि सरकारी स्तर पर 10 रुपए प्रति किलोमीटर के हिसाब से दर निर्धारित है। हालांकि कोरोनाकाल में जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा एंबुलेंस को ले लगातार फोन आते रहे हैं। करीब-करीब प्रतिदिन चार से पांच कॉल एंबुलेंस सेवा के लिए आ रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद लोगों को सरकारी एंबुलेस की सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है।
हर अनुमंडल में सिर्फ एक कोविड एम्बुलेंस
कोरोनाकाल में सदर अस्पताल में बने एंबुलेंस मैनेजमेंट सेल के प्रभारी पदाधिकारी डॉ. एनके चतुर्वेदी ने बताया कि जिले में अभी कुल 26 एंबुलेंस सरकारी स्तर पर उपलब्ध हैं। जिसमें तीन एंबुलेंस को तीनों अनुमंडलों (सासाराम, डेहरी व बिक्रमगंज) में कोविड मरीजों के लिए रखा गया है। शेष एंबुलेंस सदर अस्पताल सहित अन्य अस्पतालों में सामान्य सेवा के लिए रखे गए हैं। लोगों की मांग पर यथासंभव एंबुलेंस की सेवा उपलब्ध करायी जाती है। कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या के आलोक में एम्बुलेंस की संख्या बढ़ने या बढ़ाने की संभावना पर डाक्टर चतुर्वेदी चुप्पी साध गये।
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