औरंगाबाद के युवक के खाते में आये सवा करोड़ रुपये, विजिलेंस ने लिया राडार पर
महाराष्ट्र के नागपुर में करता था मजदूरी, लॉकडाउन के दौरान हुआ ट्रांजेक्शन
स्टूडेंट के नाम पर पंजाब नेशनल बैंक में खुला था जीरो बैलेंस खाता
औरंगाबाद (voice4bihar news)। औरंगाबाद जिले के रिसियप स्थित पंजाब नेशनल बैंक की शाखा में मजूदर के खाते से एक करोड़ रुपये से अधिक के ट्रांजैक्शन की बात सामने आयी है। खाताधारक सोनू कुमार रिसियप का ही निवासी है, जो नागपुर में मजदूरी करता है। मजदूर के खाते में इतनी बड़ी रकम जमा व निकासी की बात सामने आने पर बैंक अफसरों के साथ ही जांच एजेंसियों के भी कान खड़े हो गए हैं।
ऑनलाइन मोड से आये पैसे, मोबाइल एप्प से हुई निकासी
जानकारी के अनुसार , लॉकडाउन के दौरान सोनू कुमार के खाते में लगभग 1.25 करोड़ रुपये आए। उसके अकाउंट में ऑनलाइन पैसे आए और मोबाइल ऐप के जरिए निकासी कर ली गई। मार्च 2020 से मार्च 2021 तक राशि का आदान – प्रदान हुआ है। यानी 12 महीने में सोनू के खाते में सवा करोड़ से अधिक का ट्रांजेक्शन हुआ।
दिल्ली की विजिलेंस टीम ने पकड़ा मामला
इस बात का खुलासा तब हुआ, जब दिल्ली की विजिलेंस टीम ने बैंक को उक्त युवक के खाते से मोटी रकम का ट्रांजैक्शन होने की सूचना दी। इसके बाद बैंक प्रबंधक ने इस बात की जानकारी युवक को दी। जानकारी मिलने के बाद सोनू घर आया और बैंक प्रबंधक से संपर्क किया। बैंक प्रबंधक से उसने ट्रांजेक्शन की जानकारी होने से इनकार किया।
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औरंगाबाद जिले में जीरो बैलेंस पर खोला गया था खाता
सोनू ने इस संबंध में शाखा प्रबंधक को आवेदन देते हुए बताया कि उसके नाम से बैंक में खाता है। उक्त खाता में अज्ञात लोगों ने बगैर उसकी जानकारी के करोड़ों रुपये की जमा और निकासी की है। सोनू ने खाते को तत्काल प्रभाव से बंद करने और 23 जून 2020 से अब तक के ट्रांजैक्शन से संबंधित स्टेटमेंट की मांग की है। हैरान करने वाली बात यह है कि जिस खाते से करोड़ों रुपये का लेन – देन किया गया है, वह जीरो बैलेंस पर खोला गया था।
8वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान खुलवाया था खाता
सोनू ने बताया कि 2016 में 8 वीं कक्षा में पढ़ाई के दौरान उसने बैंक में खाता खुलवाया था । बैंक में जो भी पैसा उसने जमा किये , उसकी निकासी उसके द्वारा की गई है । पिछली बार 500 रुपये उसने खाते में जमा किया था , जिसका ब्याज सहित बढ़कर 700 रुपया हो गया है। सोनू के अनुसार , लॉकडाउन के दौरान जब वह घर आया था तो पासबुक प्रिंट कराने और खाते से मोबाइल नंबर जुड़वाने का प्रयास किया था, लेकिन हो नहीं सका। इसके बाद उक्त खाते में जमा निकासी उसके द्वारा नहीं की गई।
स्टूडेंट्स के लिए खुले खाते में ट्रांजेक्शन की लिमिट क्यों नहीं रखी गई
सबसे बड़ी बात है कि विद्यार्थियों के लिए जीरो बैलेंस पर खोले गए खाते में ट्रांजैक्शन की लिमिट होती है। इसके बाद भी बड़ी रकम की जमा – निकासी कैसे की गयी, यह जांच का विषय है। वहीं बैंक के शाखा प्रबंधक अमृत खोलका ने बताया कि मोबाइल ऐप के जरिए 25.3.20 से लेकर 22.3.21 तक बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन किया गया है। इसकी जांच की जा रही है।
फिलहाल खाताधारक सोनू को बैंक बुलाकर पूछताछ की गई है। बैंक में जमा या निकासी पर्ची से नहीं की गयी है। ऐसे में तहकीकात करने में थोड़ी समस्या हो रही है, पर जल्द ही सभी बिंदुओं पर जांच कर हकीकत का पता लगाया जाएगा। प्रबंधक के अनुसार , प्रथम दृष्टया बैंक को खाताधारक लड़के पर भी संदेह हो रहा है।