शरद यादव से दिल्ली में मिले लालू प्रसाद
बिहार में बढ़ी राजनीतिक सरगर्मी, लालू बोले- साथ आएं चिराग और तेजस्वी
पटना (voice4bihar desk )। जेल से जमानत मिलने के के बाद राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गये हैं । पार्टी कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित करने के बाद अपने समकक्ष नेताओं से एक-एक कर मिल रहे हैं। इससे भाजपा की टेंशन जहां बढ़ रही है वहीं लालू प्रसाद का एक मात्र लक्ष्य तेजस्वी को बिहार में सत्ता के शीर्ष पर पहुंचाना है।
एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव से मुलाकात के बाद आज उन्होंने अपने पुराने समाजवादी मित्र शरद यादव से मुलाकात की। उनके साथ सांसद बेटी मीसा भारती भी थीं। राजनीति में नीतीश के साथ रहने के कारण शरद काफी सालों तक लालू के राजनीतिक विरोधी रहे पर गत विधानसभा चुनाव में शरद यादव ने अलग पार्टी बनाकर नीतीश को चुनौती देने की कोशिश की, हालांकि नाकाम रहे। अब शरद की चाहत लालू प्रसाद की पार्टी राजद के साथ मिलकर नीतीश को परास्त करने की है।

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लालू प्रसाद और शरद यादव जैसे राजनीति के धुरंधर जानते हैं कि गत विधानसभा चुनाव में तेजस्वी ने जिस स्तर की चुनौती एनडीए को दी है उससे साफ है कि तेजस्वी को उनके विरोधी बहुत सालों तक उन्हें रोक नहीं सकते हैं। हाल के दिनों में लालू प्रसाद के पक्ष में राजनीति ने चिराग के रूप में पलटा खाया है। गत विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान की पार्टी लोजपा ने खुद के बल पर 135 सीटों पर चुनाव लड़कर 25 लाख वोट हासिल किये। इससे चिराग की कीमत लालू प्रसाद की नजर में बढ़ गयी है। खुद लालू चाहते भी हैं कि चिराग और तेजस्वी एक साथ आ जाएं। उनका कहना है कि लोजपा में हेरफेर के बावजूद चिराग पासवान ही लोजपा के नेता हैं।
लालू ने मंगलवार को शरद यादव से मुलाकात के बाद कहा कि वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद भाई से मुलाक़ात कर स्वास्थ्य लाभ संबंधित जानकारी प्राप्त की। सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक और राजनीतिक असमानता के विरुद्ध हमारा लंबा संघर्ष रहा है। हम समाजवादियों का संघर्ष ही संस्कार है। सांप्रदायिकता और ग़ैर-बराबरी के ख़िलाफ अंतिम दम तक लड़ाई जारी रहेगी।
उन्होंने कहा गत विधानसभा चुनाव में बिहार में हमारी सरकार बन गई थी। हम जेल में थे, लेकिन तेजस्वी ने अकेले लड़ाई लड़ी। 10 वोट से, 15 वोट से बेईमानी कर हम सबको हरा दिया। लालू ने पेगासस मामले में कहा कि यह सामने आना चाहिए कि इसमें कौन – कौन शामिल हैं। तीसरा मोर्चा बन रहा है तो अच्छी बात है।