विधानसभा में जाने से डर रहे बिहार के विपक्षी विधायक
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखी चिट्ठी
पटना (voice4bihar desk)। 26 जुलाई से शुरू हो रहे बिहार विधानसभा के सत्र में जाने से विपक्षी विधायकों को डर लग रहा है। इसी साल 23 मार्च को विधानसभा परिसर में जिस प्रकार विपक्षी विधायकों को पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने बूटों से मारा और घिसियाकर बाहर फेंका उससे उन्हें विधानसभा के सत्र में शामिल होने से डर लग रहा है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव ने इसको लेकर विधानसभा के अघ्यक्ष को पत्र लिखा है।

पूछा, घटना के जिम्मेदार पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर की क्या कार्रवाई
पत्र में उन्होंने 23 मार्च को हुई घटना का जिक्र करते हुए पूछा है कि वे बताएं कि उस घटना के लिए जिम्मेदार किन-किन पुलिसकर्मियों और अधिकारियों पर क्या-क्या कार्रवाई की गयी। ताकि विपक्षी विधायक बिना डर और भय के विधानसभा के सत्र में शामिल हो सकें और जनता के हित में सरकार से प्रश्न पूछ सकें।

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पुलिस किसके आदेश से पहुंची थी विधानसभा परिसर में
अपने पत्र में तेजस्वी ने लिखा है कि उन्होंने 23 मार्च, 2021 को विधानसभा में हुई शर्मनाक, अलोकतांत्रिक, हिंसात्मक एवं दुर्भाग्यपूर्ण घटना में संलिप्त पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारियों, कर्मियों पर निवारक कार्रवाई करने के संबंध में पत्र लिखा था। पत्र में निम्नलिखित बिन्दुओं पर जांच का आदेश देने का आग्रह किया था – विधानसभा परिसर में भारी संख्या में पुलिस बल किसके आदेश से पहुंचा था? अवैध तरीके से आए पुलिसकर्मियो को विधायकों पर अत्यधिक बल प्रयोग करते हुए बूटों से मारने, जानवरों की तरह उठाकर पक्के सतहों पर पटकने सहित जानलेवा हमला करने का आदेश किसने दिया था? महिला विधायकों के साथ दुर्व्यवहार, बाल खींचकर मारने, घसीटने सहित अन्य अवर्णनीय अपराध करने का आदेश किसने दिया था?

तेजस्वी ने लिखा है कि 23.03.2021 की घटना से विधायक इतने भयभीत हैं कि वे आगामी सत्र में सदन आने से डर रहे हैं। सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने बैठक कर मुझसे कहा है कि विधानसभा अध्यक्ष से उक्त घटना में संलिप्त पदाधिकारियों/कर्मियों पर समुचित कारवाई करते हुए हमलोगों को सुरक्षा की गारंटी दिलाई जाए ताकि सभी विपक्षी सदस्य बिना भय के जनता के सवालों को सदन में रख सकें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि लोकतंत्र के मंदिर में घटित जघन्य घटना पर कार्रवाई करना अत्यन्त आवश्यक है, वरना इतिहास हमें कभी भी माफ नहीं करेगा। यह लोकतंत्र की मर्यादा, संसदीय प्रणाली बचाने के साथ-साथ सदस्यों का मनोबल बचाये रखने के लिए भी आवश्यक है।

तेजस्वी ने उम्मीद जतायी है कि विधानसभा अध्यक्ष ने उक्त हिंसात्मक व घृणित घटना के विरूद्ध समुचित कार्रवाई की होगी तथा इस तरह की घटना की पुनरावृति नहीं हो, इसके लिए समुचित गाइडलाइन/निर्देश सभी संबंधितों को जारी कर चुके होंगे। साथ ही उन्होंने अनुरोध किया है कि 23 मार्च, 2021 को घटित दुर्भाग्यपूर्ण घटना के संबंध में दोषी पदाधिकारियों तथा कर्मियों पर की गई कार्रवाई से उन्हें तथा सभी आहत सदस्यों को अवगत कराने की कृपा करना चाहेंगे।