यूपी में 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगा जदयू
केसी त्यागी ने किया एलान, एनडीए में नहीं बात बनी तो अकेले लड़ेंगे
पटना (voice4bihar desk)। जदयू उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार उतारेगा। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश से हमारे सांसद और विधायक जीतते रहे हैं। 2017 के उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव लड़ने की भी हमने तैयारी की थी। हमारे नेता नीतीश कुमार ने दर्जनों सभायें भी की थी। इन सभाओं में किसी में भी 50 हजार से कम भीड़ नहीं जुट रही थी।

पर, ऐन मौके पर पार्टी ने उत्तर प्रदेश में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया, यह पार्टी की भूल थी। अगर हम चुनाव लड़ते तो आज उत्तर प्रदेश में हमारे दर्जनों विधायक होते। त्यागी ने कहा कि हमारी पार्टी एनडीए का हिस्सा है। अगर एनडीए में हमें उचित भागीदारी नहीं मिलती है तो हमारी पार्टी कम से कम 200 सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी।
सपा, बसपा पहले ही कर चुकीं हैं अलग चुनाव लड़ने का एलान
जदयू की इस घोषणा के साथ ही अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश के विधान सभा चुनाव में कई कोण बनते दिख रहे हैं। समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पहले ही उत्तर प्रदेश में अलग-अलग चुनाव लड़ने का एलान कर चुकीं हैं। समाजवादी पार्टी के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहले ही कह चुके हैं कि कांग्रेस के साथ 2017 का चुनाव लड़ने का उनका अनुभव अच्छा नहीं रहा। प्रियंका गांधी की उत्तर प्रदेश में पिछले कई सालों से सक्रियता का लाभ मिलता भी अखिलेश यादव को नहीं दिख रहा है। हालांकि अखिलेश यादव ने छोटे दलों से गठबंधन करने की बात कही है।
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केजरीवाल 400 और ओबैसी सौ सीटों पर लडेंगे
अरविंद केजरीवाल की पार्टी आप ने चार सौ और असदउद्दीन ओबैसी की पार्टी एमआईएम ने उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सौ सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया है। उत्तर प्रदेश में संभावना बनती दिख रही है कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी भाजपा के खिलाफ सपा, बसपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां अपने-अपने उम्मीवार उतारेगी जबकि जदयू और एमआईएम जैसी पार्टियां भी भाजपा के खिलाफ ही वोट मांगेगी।
इसका अन्य दलों को क्या नफा-नुकसान होगा यह तो बाद में पता चलेगा पर भाजपा को फायदा होगा, यह अभी से दिख रहा है। देश भर में भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने की कोशिशों के बीच उत्तर प्रदेश में यह बिखराव भाजपा को जरूर राहत देगा।
उत्तर प्रदेश के 2017 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो तत्कालीन सत्ताधारी पार्टी सपा कांग्रेस से गठबंधन के साथ तीन सौ सीटों पर चुनाव लड़कर महज 47 सीटें ही जीत पायी। हालांकि सपा सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी बनी। बसपा 403 सीटों पर लड़कर महज 19 सीटें जीत सकी जबकि कांग्रेस सौ सीटों पर लड़कर सात सीट ही हासिल कर पायी।
इस चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ भाजपा जीती और योगी आदित्यनाथ यहां पिछले करीब सवा चार साल से मुख्यमंत्री हैं। इस चुनाव में प्रदेश की 403 में से भाजपा को 312 सीटों पर जीत मिली। 2017 के चुनाव में सपा को 177 जबकि बसपा को 61 सीटों का नुकसान हुआ था। हाल के दिनों में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पार्टी में सुगबुगाहट की खबरें आयीं पर आलाकमान का विश्वास उन पर बरकरार है।