
लाल बहादुर चौधरी
voice4bihar desk. ममता दीदी, यह आपने क्या किया ! पहली वार आपको व्हील चेयर पर देखकर दुख हुआ। बात छः जुलाई 2004 की है, जब आपको मैंने पहली बार रुबरु देखा था। जोनल ट्रांसफर के सिलसिले में पोस्टिंग की प्रतीक्षा में मैं अपने अन्य साथियों के साथ हाजरा रोड पर स्थित महाराष्ट्र मंडल भवन में ठहरा था। उसी दिन संयोग से आपकी एक बैठक उस भवन के परिसर में हुई थी कम लोग ही थे, तो आपको नजदीक से देखने का मौका था।
वो दिन आपके संघर्ष के थे। बंगाल को वामपंथी उजाड़पन और उज्जड़पन से निकालने के लिए आप संघर्ष कर रहीं थीं । आपके मुख पर तपस्विनी का तेज था। कोलकाता पोस्टिंग के चार साल के दौरान आपके संघर्ष को देखता सुनता रहा और आफिस में अपने वामपंथी मित्रों से कभी कभार होनेवाले वाद-विवादों में आपका पक्ष लेता रहा।
2006 के बंगाल विधानसभा चुनाव में हमलोग आपकी जीत के प्रति आश लगाए थे। आपकी हार पर हमलोग उदास थे तब मेरे एक वामपंथी मित्र ने मुझसे कहा था, ” चौधरी, तुम ममता की हार पर दुखी हो परंतु बंगाल के लिए यह बहुत अच्छा हुआ है। तुम ममता को नहीं जानते हो। बंगाल के वामपंथी शासन तुम्हारी नज़र में खराब हो सकता है ,परंतु ममता का आना बंगाल के लिए दुर्भाग्य होगा।”
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पिछले दस सालों में आप क्या से क्या हो गईं और बंगाल को कहां से कहां ले आईं। आज आपकी यह हालत देखकर मुझे अपने उस वामपंथी मित्र की बात याद आ गई। सत्ता की बढ़ती भूख आपको आज व्हील चेयर तक ले आयी। चाहे अपने चुनाव प्रवंधक प्रशांत किशोर के आइपेक से प्रभावित होकर यह बाना ( भेष-भूषा, हाव- भाव) धारण की हों या दुर्भाग्य से चोटिल हो गई हों, परंतु हमने उस ममता को खो दिया जो अन्याय, अत्याचार, दुराचार ( लोग आपको दुराचारविघातनि के रुप में देखना चाहते थे) और पाखंड के विरोध में लड़ने वाली और दहाड़ने वाली शक्ति थी।
यह सत्ता का नशा है दीदी, जिसमें आप लड़खड़ा कर गिर गईं हैं । आपसे विनम्र अनुरोध है कि आप अपने उस वीडियो/ फोटो को चुनाव प्रचार से हटा लें जिसमें आप अपने पैर पर हुए प्लास्टर को दिखाती हुई वेड पर पड़ी हैं। इसमें आप असहाय, दुर्बल, सहमी विवश, बेढंग और कुरुप लगतीं हैं। दीदी, मुझको माफ़ कीजिएगा आपकी इस छवि से पाखंड और ढोंग टपकता है। बंगाल के लोग सेंटीमेंट्ल जरुर होते हैं, परंतु पारखी भी होते हैं। आपकी यह छवि लोगों को पसंद नहीं आएगी। आप चुनाव जीत भी जाएं लेकिन अभी तो यही लगता है कि बीजेपी ने आपको व्हील चेयर पर ला दिया है और आप डरी हुई हैं।
(ये लेखक के निजी विचार हैं।)