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जनेऊ और शर्ट से हुई ताऊते में डूबे दरभंगा के बैजू की पहचान

तूफान में बहकर महाराष्ट्र से 600 किमी दूर गुजरात चला गया था शव

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दरभंगा (voice4bihar desk)। समुद्री तुफान ताऊते की वजह से मुंबई के पास समुद्र में बरपदा जहाज के डूब जाने से लापता वायलर जिले के जाले मुरैठा गांव निवासी बैजू का शव 16 दिन बाद घटनास्थल से लगभग 600 किलोमीटर दूर गुजरात से बरामद किया गया। गुजरात से लाश गांव पहुंचते ही सोमवार को उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। मृतक के पिता और भाई ने शनिवार को मृतक के कंकाल बन चुके शरीर में बरामद जनेऊ और शर्ट के आधार पर लाश की पहचान की।

शव की पहचान के बाद पिता तेज नारायण ठाकुर और बहनोई मुकेश कुमार रविवार को हवाई मार्ग से घर आ गये। मृतक का भाई जितेंद्र ठाकुर भाई का शव लेकर गुजरात से एंबुलेंस से सोमवार को घर पहुंचा।

ज्ञात हो कि 17 मई को आए समुद्री तूफान ताऊते की कहर में समुद्री जहाज बरपदा में कार्यरत 28 वर्षीय वायरलर राकेश कुमार उर्फ बैजू लापता हो गया था। इसके बाद 15 दिनों से पिता और भाई मुंबई से लेकर गुजरात तक लाशों की ढेर में उसकी तलाश कर रहे थे। इस दौरान पिता का डीएनए भी लिया गया और उसे बरामद लाशों के डीएनए से भी मिलाया गया। नहीं मिलने पर सभी को आशा थी की बैजू जिंदा लौट आएगा।

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किंतु शनिवार की देर शाम गुजरात में शव बरामद होने से उसके जिंदा लौटने की आस खत्म हो गयी। शव इतना गल गया था कि सिर्फ कंकाल बचे हुए थे। पहचान करना मुश्किल था। लेकिन पिता और भाई ने लाश से बरामद जनेऊ और शर्ट के आधार पर उसकी पहचान कर ली।

सोमवार को लाश एंबुलेंस से घर पहुंचते ही परिजनों और ग्रामीणों की खामोशी चित्कार में बदल गई। सभी की आंखें नम थीं। बैजू की पत्नी लाश देखते ही चिल्लाई और कहा कि नहीं यह मेरा राजा बाबू नहीं है और वह बेहोश हो गयी। बहन भी बेहोश हो गई। पिता , भाई और अन्य परिजनों का बुरा हाल था । छोटा बच्चा दिव्यांशु अपने बाबा के आंखों से आंसू पोछ रहा था मानो कह रहा हो मैं हूं ना। बड़े भाई जितेंद्र ठाकुर ऊर्फ लक्खी ने मुखाग्नि दी।

बता दें कि लॉरी शिपिंग के मालवाहक जहाज पर राकेश उर्फ बैजू वायलर के रूप में काम करता था। यह ओएनजीसी के अंतर्गत कांटेक्ट जहाज है।ताऊते तूफान में डूबे ओएनजीसी के बार्ज पी305 में अब तक 51 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। साथ ही इसमें सवार 188 कर्मियों को बचा लिया गया है। इस जहाज के 22 कर्मचारी लापता थेद्ध इनमें राकेश उर्फ बैजू भी था। हादसे में लापता लोगों की तलाश के लिए इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड की मदद से अरब सागर में अब भी ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

बता दें कि ताऊते तूफान आने के बाद से ही बैजू से उसके घर वालों का संपर्क नहीं हो पा रहा था। बाद में कंपनी वालों से संपर्क किया तो बताया गया कि जहाज 17 मई को डूब गया जिसमें मात्र दो युवक साहिब बुनिया जो पश्चिम बंगाल निवासी है और फ्रांसिस जो केरला निवासी है की बरामदगी हुई है। बरामद युवक बुनिया ने बताया था कि 16 मई की रात जहाज में स्वेलिंग होने लगा था। पांच नॉटिकल माइल्स से परमिशन नहीं मिलने के कारण जहाज अंदर नहीं प्रवेश कर सका और सुबह साढ़े पांच-छ: बजे 17 मई को दुर्घटनाग्रस्त हो गया। यह जहाज मुंबई हाई से संचालित होता है।

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