बंगाल में ममता जीतीं, नंदीग्राम में कड़े मुकाबले में फंसी
पटना (voice4bihar desk)। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) शाम चार बजे तक की वोटों की गिनती के मुताबिक प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाने की ओर तेजी से आगे बढ़ रही हैं। वहीं खुद ममता बनर्जी नंदीग्राम से कड़े मुकाबले में फंसी हुई हैं। यहां एक राउंड की गिनती बाकी है और शुवेंदु अधिकारी से छह वोट से ममता पिछड़ रहीं हैं।
बंगाल में BJP पिछले विधानसभा चुनाव के मुकाबले करीब 25 गुना सीटों पर आगे है पर सरकार बनाने के लिए जरूरी 147 सीटों से काफी पीछे है। अब तक की गिनती के मुताबिक TMC 200 से अधिक जबकि BJP 100 से कम सीटें जीत रही है। यानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा की पश्चिम बंगाल में सत्ता हथियाने की सारी कोशिशें नाकाम हो गयीं।
ममता बनर्जी 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भवानीपुर से चुनाव जीती थीं। पर इस बार शुवेंदु अधिकारी के बगावत कर BJP में चले जाने के बाद ममता उन्हें सबक सिखाने के लिए नंदीग्राम से खड़ी हुईं। दूसरी ओर, नंदीग्राम को छोड़ दें तो पूरे पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सर्वमान्य नेता के रूप में अब भी स्थापित हैं। 2011 से अब तक ममता बनर्जी अपनी पार्टी TMC को पश्चिम बंगाल में जीत दिलाती रहीं हैं।
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इस बार के चुनाव में नंदीग्राम से चुनाव में पर्चा भरने के बाद ममता वनर्जी का चंडी पाठ करना और गोत्र बताना काम आया। नंदीग्राम में ही ममता के पैर में चोट लगी और फिर पूरा चुनाव व्हील चेयर पर ही लड़ीं। चंडी पाठ करना और गोत्र बताना ममता के कितने काम आया यह तो बाद में पता चलेगा फिलहाल हम ये तो कह ही सकते हैं कि भाजपा का एनआरसी और सीएए का मुद्दा यहां नहीं चला। साथ ही ममता का ये प्रचार करना कि भाजपा बंगाली संस्कृति को ध्वस्त करना चाहती है, भी उनके काम आया। ममता ने जब बाहरी और बंगाली का मुद्दा उठाया तो उन्होंने यह भी स्पष्ट कर दिया कि जो बंगाल में रहते हैं वे सभी बंगाली हैं। इस सिलसिले में उन्होंने कई उद्योगपितयों के नाम भी गिनाये और उन्हें बंगाली बताया।
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी को मिली इस जीत का उन्हें एक बड़ा लाभ यह भी होगा कि उनका राष्ट्रीय स्तर पर कद बढ़ेगा जबकि राहुल गांधी का कद घटेगा। दोपहर करीब तीन बजे तक पश्चिम बंगाल में कांग्रेस वामपंथियों के साथ गठबंधन करने के बाद केवल एक ही सीट पर आगे थी जबकि केरल में वामपंथियों के खिलाफ लड़कर 140 में से महज 24 सीटें ही जीत पायी। केरल में भाजपा चार सीटों पर आगे चल रही है। केरल में एलडीएफ 90 सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। इस हिसाब से यहां एलडीएफ की सत्ता बरकरार रहने की उम्मीद है।
असम में भाजपा की सरकार दोबारा सत्ता में लौटती दिख रही है। यहां 120 में से भाजपा 56 सीटों पर बढ़त बनायी हुई है जबकि कांग्रेस इसके मुकाबले आधे पर रुक गयी है। कांग्रेस असम में 27 सीटों पर बढ़त बनायी हुई है। तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में भाजपा को महज पांच सीटें मिलीं हैं जबकि कांग्रेस यहां 14 सीटों पर आगे है। तमिलनाडु की 234 सीटों में से 139 सीटों पर बढ़त बनाकर DMK सरकार बनाती दिख रही है।
पुड्डुचेरी विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां गिनती काफी धीमी चल रही है। शाम चार बजे तक यहां 30 सीटों में से अब तक महज 14 सीटों पर रुझान आये हैं। NDA 09 जबकि UPA 04 सीटों पर आगे दिख रही है। यहां BJP दो सीटें जीत चुकी है और एम पर बढ़त बनायी हुई है जबकि कांग्रेस एक सीट पर आगे है।