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पारस चाचा का मंत्री बनना तय, चिराग ने पीएम को चेताया

केंद्रीय मंत्रिमंडल का आज शाम हो सकता है विस्तार

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चिराग पासवान

पटना (voice4bihar desk)। बुधवार को मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार होना तय है। इसके साथ ही लोजपा संसदीय दल में बगावत का नेतृत्व करने वाले सांसद पशुपति कुमार पारस का केंद्र में मंत्री बनना भी तय है। हालांकि लोजपा प्रमुख चिराग पासवान को यह कतई पसंद नहीं है। मंगलवार को आशीर्वाद यात्रा के दौरान इसकी चर्चा छेड़े जाने पर चिराग ने कहा कि पारस चाचा को मंत्री बनाये जाने पर वे अदालत का दरवाजा खटखटायेंगे। चिराग पासवान ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एनडीए में हमारी पार्टी लोजपा का गठबंधन है। मैं इसका राष्ट्रीय अध्यक्ष हूं। मेरी इजाजत के बगैर मेरी पार्टी के सांसद को मंत्री बनाना गलत है। अगर ऐसा हुआ तो मैं कोर्ट जाऊंगा।

इधर, जानकारों का कहना है कि चिराग को कोर्ट जाने का कोई फायदा नहीं होगा। मंत्रिमंडल में किसी को शामिल करना या नहीं करना प्रधानमंत्री का विशेषाधिकार होता है। इस मामले में कोर्ट शायद ही दखल दे। साथ ही जिस तरह पशुपति कुमार पारस को आनन फानन में लोजपा संसदीय दल के नेता के रूप में लोकसभा में मान्यता दी गयी उससे भी लगता है कि राजनीतिक तौर पर पावर के इस गेम में चिराग बाजी हार चुके हैं। अब जनता की अदालत में जायें और वहीं से आशीर्वाद लेकर आयें तो राजनीतिेक गलियारे में उनकी पूछ बढ़ सकती है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से 2020 के विधानसभा चुनाव में पंगा लेकर चिराग राजनीतिक रूप से चारों ओर से घिर गये हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में 135 उम्मीदवार खड़े करने के बाद भी उनकी पार्टी बेगूसराय जिले में एक मात्र सीट जीत पायी। वह विधायक भी जदयू में शामिल हो चुके हैं जबकि उनके चाचा और भाई समेत पार्टी के छह विधायकों में से पांच उनका साथ छोड़ चुके हैं।

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अब चिराग अपनी पार्टी के इकलौते सांसद रह गये हैं। चिराग के पिता रामविलास पासवान मरते दम तक मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य रहे। उनके जाने के बाद उनके पुत्र विराग का इस पर स्वाभाविक दावा बनता है पर पारस चाचा पार्टी में सेंध लगाने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी घुसपैठ करते दिख रहे हैं।

2020 के विधानसभा चुनाव में चिराग भले एकमात्र विधायक को जिता पाये हों पर 135 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर उन्होंने कुल 25 लाख वोट हासिल किये। पिता रामविलास पासवान के बिना चुनाव मैदान में उतरने और नीतीश के विरोध तथा भाजपा के असहयोग के बीच 25 लाख वोट हासिल करना उनकी उपलब्धि मानी जा रही है। पासवान जिस जाति का प्रतिनिधित्व करते हैं उसके छह फीसद मतदाता बिहार में हैं। यही कारण है कि पारस चाचा के बगावत करते ही राजद और कांग्रेस ने उन पर डोरे डालना शुरू कर दिया।

यहां तक कि राजद ने रामविलास पासवान की पहली जयंती भी अपने प्रदेश पार्टी कार्यालय में मनायी। कार्यक्रम में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव समेत उनकी पार्टी के सभी वरिष्ठ नेताओं ने रामविलास पासवान के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया।

रामविलास पासवान की जयंती पर आशीर्वाद यात्रा शुरू करने जब चिराग पटना पहुंचे तो यहां लोजपा कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। इससे चिराग का उत्साह चरम पर है और वे प्रधानमंत्री तक को सार्वजनिक रूप से कोर्ट जाने की धमकी देने का साहस कर रहे हैं।

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