कल तय हो जायेगा, पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के प्रधान हित रहेंगे या जायेंगे
तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी लेगी फैसला
पटना (voice4bihar desk)। गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली तख्त श्री हरमंदिर जी पटना साहिब प्रबंधन कमेटी के प्रधान सरदार अवतार सिंह हित रहेंगे या वाहेगुरु जी की बख्शीश किसी अन्य के खाते में जाएगी। इसका फैसला रविवार को हो जायेगा। गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली होने के कारण पटना साहिब प्रबंधन कमेटी की इस रस्साकशी पर बिहार-झारखंड के सिख अनुयायियों समेत अन्य धर्मावलंबियों की इस पर निगाह टिकी हुई है।


फिलहाल अवतार सिंह हित को शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख एवं पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सरदार सुखबीर सिंह बादल का आशीर्वाद प्राप्त बताया जाता है। हालांकि कार्य प्रणाली एवं मत भिन्नता के कारण सचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन से उनकी तकरार आए दिन होती रही है। पटना कमेटी का चुनाव पांच साल के अंतराल पर होता है परंतु ढाई साल के अंतराल में कार्यसमिति बैठकर नई जिम्मेदारी तय करती है। फिलहाल कमेटी में ग्यारह सदस्य हैं। एक सदस्य त्रिलोचन सिंह की मौत हो चुकी है जबकि दूसरे हरपाल सिंह जोहल निष्कासित हैं।
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जानकारी के अनुसार रविवार एक बजे कार्यसमिति की बैठक होगी जिसमें पश्चिम बंगाल से निर्वाचित प्रतिनिधि कमीकर सिंह वर्चुअल माध्यम से अपनी उपस्थिति दर्ज कराएंगे और वोट में हिस्सा लेंगे। प्रधान अवतार सिंह हित पटना में हैं। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधि और पूर्व अध्यक्ष गोविंद सिंह लोंगोवाल एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के प्रतिनिधि एवं पर्यवेक्षक के तौर पर सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ पटना पहुंच रहे हैं।
उत्तर प्रदेश सिख प्रतिनिधि बोर्ड के प्रतिनिधि डॉ. गुरमीत सिंह, दक्षिणी बिहार के निर्वाचित प्रतिनिधि सरदार इंदरजीत सिंह, उत्तरी बिहार से निर्वाचित प्रतिनिधि लखविंदर सिंह पटना पहुंच चुके हैं। इस बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश पटना द्वारा मनोनीत जगजीत सिंह सोही, महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन के साथ ही पटना से निर्वाचित सदस्य राजा सिंह, महेंद्र सिंह छाबड़ा एवं हरबंस सिंह शामिल होंगे। इधर, लौहनगरी जमशेदपुर के इंद्रजीत सिंह ने साफ कर दिया है कि वे पंथ की मुख्यधारा अकाली दल के साथ रहेंगे।
हंगामेदार होगी बैठक, सुरक्षा के रहेंगे व्यापक प्रबंध
चूंकि अध्यक्ष अवतार सिंह हित एवं सचिव महेंद्र पाल सिंह ढिल्लन में पहले से ही तकरार है ऐसे में बैठक के हंगामेदार रहने की पूरी आशंका है। निर्वाचन पदाधिकारी पदेन एसडीओ होते हैं। फिर मामला हरपाल सिंह जोहल के आवेदन पर सुनवाई का भी है। हरपाल सिंह जोहल अकाली दल सुप्रीमो सुखबीर सिंह बादल के चहेते एवं दिल्ली गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान मनजिंदर सिंह सिरसा के काफी करीबी हैं। अवतार सिंह हित भी सुखबीर सिंह बादल के करीबी हैं।
ऐसे में सब कुछ ठीक रहा तो जोहल की सदस्यता भी बहाल हो सकती है। यहां चुनाव के पहले की तिकड़मबाजी और हंगामे की परंपरा को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक प्रबंध भी किए गए हैं।