नियोजन पत्र की मांग को लेकर गर्दनीबाग में डटे शिक्षक अभ्यर्थी
विधानसभा में भी शिक्षा मंत्री ने नहीं बतायी नियोजन पत्र वितरण की तारीख
पटना (Voice4bihar desk)। नियोजन पत्र की मांग को लेकर गर्दनीबाग में धरना पर बैठे शिक्षक अभ्यर्थियों ने पत्र जारी होने तक धरना जारी रखने का एलान किया है। शिक्षक अभ्यर्थियों का यह आंदोलन सड़क से लेकर सदन तक जारी है। सदन में जहां विपक्षी नेता सरकार को शिक्षक बहाली के मुद्दे पर घेर रहे हैं वहीं अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पिछले दो दिनो से राजधानी पटना के गर्दनीबाग में धरना पर डटे हुए हैं।

धरना दे रहे अभ्यर्थियों में कई महिलाएं भी हैं जो दूर दराज से नियोजन पत्र मिलने की आस में यहां आयीं हैं। ठंड की रात अभ्यर्थी खुले आसमान के नीचे बिता रहे हैं और सरकार पसीज नहीं रही है। हालांकि इससे अभ्यर्थियों का हौसला कम नहीं हुआ है और वे नियोजन पत्र मिलने अथवा कम से कम नियोजन पत्र वितरण की तारीख का ऐलान होने तक धरना पर डटे होने की बात कह रहे हैं।
राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने उठाया शिक्षक बहाली में देरी का मुद्दा
इस बीच, मंगलवार को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान राजद विधायक भाई वीरेंद्र ने बिहार में शिक्षक बहाली में हो रही देरी का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि प्रखंड नियोजन इकाइयों में 14 दिसम्बर के बाद पंचायत समिति का गठन हो जायेगा। सरकार इसके बाद नियोजन पत्र वितरण की समय सीमा निर्धारित करे। इस पर राज्य के शिक्षा मंत्री ने एक बार फिर इधर-इधर की बातें कीं लेकिन नियोजन पत्र वितरण की तारीख की घोषणा नहीं की।
शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि शिक्षा विभाग की मंशा पंचायत चुनाव के बीच भी नियुक्ति प्रक्रिया को जारी रखने की थी। विभाग ने इसकी इजाजत भी चुनाव आयोग से मांगी पर आयोग की ओर से इजाजत नहीं मिलने के कारण नियुक्ति प्रक्रिया स्थगित है। चौधरी ने कहा कि जिन्हें नियुक्ति प्रक्रिया पूरी करनी है उन्हीं का चुनाव हो रहा है। ऐसे में प्रक्रिया को जारी रखना सही नहीं होगा। मंत्री ने कहा कि विभाग ने काउंसिलिंग की बची हुई प्रक्रिया को पूरी करने के लिए टेंटेटिव डेट जारी कर दिया है।
प्रमुख के निर्वाचन की प्रक्रिया खत्म होते ही पूरी होगी नियोजन प्रक्रिया : चौधरी
मौके पर मंत्री ने सदन को आश्वस्त किया कि जैसे ही प्रखंड प्रमुख और जिला प्रमुख के निर्वाचन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी हम नियोजन की कार्रवाई को तत्काल पूरी करेंगे। हालांकि राजद विधायक इससे संतुष्ट नहीं हुए और उन्होंने समय सीमा निर्धारित करने की अपनी मांग दुहराई पर मंत्री ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। विधानसभा अध्यक्ष ने भी मंत्री को समय सीमा निर्धारित करने का निर्देश नहीं दिया और इस तरह सवाल अधूरा ही छोड़कर प्रश्नकाल आगे बढ़ गया।
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2017 से शुरू हुई प्रक्रिया कब पूरी होगी
दरअसल, बिहार के शिक्षक अभ्यर्थियों का विश्वास बिहार के शिक्षा मंत्री सहित पूरे सिस्टम से उठ गया है। 2017 में हुई टीईटी और 2019 में शुरू हुई बहाली प्रक्रिया आज तक पूरी नहीं हो सकी है। शुरू के करीब एक साल तक अभ्यर्थियों ने केस मुकदमा कर बहाली को खुद लटकाया और अब यह सरकारी लालफीताशाही की भेट उठता दिख रहा है।
अब तक फेल हुए हैं शिक्षा मंत्री के सभी दावे
इसी साल जून के पहले हफ्ते तक बिहार के शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी सदन से लेकर अन्य सार्वजनिक स्थल पर कहते फिर रहे थे कि अदालत हमें इजाजत दे हम हफ्ता से 15 दिनों में बहाली पूरी कर देंगे। जून में जब हाईकोर्ट ने रोक हटाते हुए शीघ्र बहाली पूरी करने को कहा तबसे विभाग अनमने ढंग से दो कदम आगे एक कदम पीछे की चाल चल रहा है। जून में मंत्री ने कहा 15 अगस्त तक बहाली पूरी करेंगे फिर कहा दिवाली से पहले करेंगे। शिक्षा मंत्री के दोनों दावे फेल हुए। इसके बाद से मंत्री तारीख बनाने से बच रहे हैं।

दो चरणों की काउंसिलिंग में अब तक 38000 अभ्यर्थियों का हुआ है चयन
कोरोना के कारण बिहार में पंचायत चुनाव जो अब हो रहे हैं उन्हें जून तक करा लिया जाना था। 24 सितम्बर से शुरू हुआ पंचायत चुनाव 15 दिसम्बर तक चलेगा। इसके बाद बची हुई नियोजन इकाइयों की काउंसिलिंग होगी। इसके पूर्व जुलाई और अगस्त में दो चरणों की काउंसिलिंग हो चुकी है जिसमें करीब 38000 अभ्यर्थियों का चयन किया गया है। यही चयनित अभ्यर्थी इन दिनों गर्दनीबाग में नियोजन पत्र के लिए अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
चयनित अभ्यर्थियों के सभी मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र विभाग ने अपने पास रख लिए हैं और इनके सत्यापन की बात कह रहा है। विभाग का कहना है कि शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन के बाद ही चयनित अभ्यर्थियों को नियोजन पत्र दिये जायेंगे। इधर अभ्यर्थियों का कहना है कि मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र के अभाव में वे कहीं अन्यत्र नौकरी के लिए जा भी नहीं पा रहे हैं। विभाग तय समय सीमा के अंदर शैक्षणिक प्रमाण पत्रों के सत्यापन का कार्य पूर्ण करे और उन्हें नियोजन पत्र दे। फिलहाल विभाग की इसी जिद के आगे बिहार के करीब 38000 चयनित और करीब दो लाख अचयनित शिक्षक अभ्यर्थी बेबस नजर आ रहे हैं।