महाराष्ट्र कैडर के जायसवाल बने CBI चीफ
बिहार कैडर के IPS कुमार राजेश चंद्रा कैसे रेस में पिछड़ गये, पढ़िये इनसाइड स्टोरी
नयी दिल्ली (voice4bihar desk)। 1985 बैच के महाराष्ट्र कैडर के IPS अधिकारी सुबोध कुमार जायसवाल को CBI का नया डायरेक्टर बनाया गया है। वर्तमान में CISF के डीजी जायसवाल अगले दो साल तक CBI डायरेक्टर के पद पर बने रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई हाई लेवल कमेटी की मीटिंग में आज जायसवाल के नाम पर सहमति बनी। इस कमेटी में लोकसभा में विपक्ष के नेता अधीर रंजन चौधरी और देश के चीफ जस्टिस (CJI) एनवी रमना भी शामिल थे।

चार फरवरी, 2021 को 1983 बैच के IPS अफसर और CBI के तत्कालीन डायरेक्टर ऋषि कुमार शुक्ला की सेवानिवृत्ति के बाद से यह पद खाली था। नये CBI डायरेक्टर की तलाश पूरी नहीं होने पर अतिरिक्त निदेशक प्रवीण सिन्हा को अंतरिम प्रमुख का प्रभार सौंपा गया था। जायसवाल महाराष्ट्र के DGP और ATS चीफ रह चुके हैं। जायसवाल को 2009 में प्रेसिडेंट पुलिस मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। उन्होंने रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) में भी अपनी सेवाएं दीं हैं। वे कैबिनेट सचिवालय में अतिरिक्त सचिव भी रह चुके हैं।
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बिहार कैडर के आईपीएस अफसर और वर्तमान में एसएसबी के DG कुमार राजेश चंद्रा, उत्तर प्रदेश के DGP एचसी अवस्थी और गृह मंत्रालय के विशेष सचिव वीएसके कौमुदी भी CBI चीफ की दौड़ में थे। पर आखिर में सुबोध कुमार जायसवाल सब पर भारी पड़े।
बताया जाता है कि इसके पहले BSF के प्रमुख राकेश अस्थाना और NIA प्रमुख वाईसी मोदी का नाम भी CBI चीफ के भावी उम्मीदवारों की लिस्ट में शामिल था। पर, तीन सदस्यीय चयन समिति में शामिल CJI की एक दलील ने इन दोनों को बाहर कर दिया। CJI का कहना था कि समिति को उनके नाम पर विचार करना ही नहीं चाहिए जिनका कार्यकाल छह माह से कम बचा हो। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले में भी इसका उल्लेख किया गया है। यहां बता दें कि राकेश अस्थाना 31 अगस्त को जबकि वाईसी मोदी 31 मई को ही रिटायर होने वाले हैं।
इस दलील के बाद इन दोनों वरिष्ठ IPS अधिकारियों के नाम लिस्ट से कटते ही 1985 बैच के सुबोध कुमार जायसवाल सबसे प्रबल दावेदार बनकर उभरे और अंतत: उन्हीं के नाम पर सहमति बनी। हालांकि बिहार कैडर के कुमार राजेश चंद्रा और महाराष्ट्र कैडर के सुबोध कुमार जायसवाल 1985 बैच के ही हैं जबकि कौमुदी इन दोनों से जूनियर 1986 बैच के हैं। पर प्रधानमंत्री की पसंद में चंद्रा की बजाये जायसवाल खरे उतरे और अंतिम रूप से उनका चयन किया गया।