चुनाव आयोग कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार
मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग पर की तल्ख टिप्पणी
नयी दिल्ली (voice4bihar desk)। आम लोगों के बाद अब न्यायालय ने भी देश में कोरोना की दूसरी लहर के भयावह रूप लेने के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। सोमवार को मद्रास हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई करते हुए टिप्पणी की कि चुनाव आयोग कोरोना की दूसरी लहर के लिए ज़िम्मेदार है।
मद्रास हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश संजीब बनर्जी ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ‘चुनाव आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या के आरोपों पर मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए। साथ ही कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर दो मई को चुनाव आयोग ने कोरोना प्रोटोकॉल का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित योजना नहीं बनाई तो मतगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी जाएगी। कोर्ट ने पूछा कि दूसरी लहर उभरने के बावजूद राजनीतिक दलों को चुनावी रैलियों की अनुमति क्यों दी गई ? हालांकि न्यायालय ने इसके लिए किसी को नाटिस जारी कर जवाब मांगने की जरूरत नहीं समझी।
यहां हम बता दें कि इन दिनों देश के पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव कराये जा रहे हैं। इनमें से चार राज्यों में वोटिंग का काम हो गया है। पश्चिम बंगाल में अब भी वोटिंग जारी है। दो मई को एक साथ सभी जगह मतगणना करायी जानी है। मार्च में जब कोरोना की लहर तेजी से फैल रही थी उसी दौरान चुनावी राज्यों में रैलियां परवान पर थीं। आम आदमी का मानना था कि इसके चलते कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है।
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हालांकि इस संबंध में पूर्व में जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मीडिया ने सवाल पूछा था तो उन्होंने इस बात को मानने से इंकार कर दिया था कि चुनावी रैलियों के चलते कोरोना का फैलाव तेजी से हो रहा है। शाह का कहना था कि महाराष्ट्र जैसे राज्य में जहां चुनाव नहीं हो रहा है वहां सबसे तेजी से कोरोना का फैलाव हो रहा है।
फिलहाल देश के पांच राज्यों पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी में विधानसभा के आम चुनाव कराये जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कुल आठ चरणों में हुए मतदान का सातवां चरण आज है जबकि आठवें और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होना है। असम में तीन चरणों में मतदान कराये गये। यहां 27 मार्च के बाद एक अप्रैल और छह अप्रैल को मतदान कराये गये। इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और पुड्डचेरी में एक ही दिन यानी छह अप्रैल को मतदान कराये गये। इन सभी जगहों पर मतगणना एक साथ दो मई को कराये जाने हैं।
पश्चिम बंगाल में सबसे अधिक 294 सीटों के लिए मतदान कराये गये जबकि तमिलनाडु में 234, केरल में 140, असम में 116 और पुड्डुचेरी में 30 सीटों के लिए मतदान कराये गये।