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इतना बेलगाम क्यों है बिहार का शिक्षा विभाग

बीत गयी समय सीमा, छह जिलों में नहीं जारी हुआ दिव्यांगों का आरक्षण रोस्टर

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पटना (voice4bihar desk)। बिहार का शिक्षा विभाग इतना बेलगाम क्यों है? यह सवाल आज बिहार में सवा लाख शिक्षकों की बहाली से जुड़े हर अभ्यर्थी की जुबान पर है। अभ्यर्थी मानते हैं कि बिहार में शिक्षकों की बहाली पिछले तीन साल से अटकने का कारण शिक्षा विभाग के अधिकारियों की काहिली ही है। विभाग में सचिवालय से जारी होने वाले किसी भी आदेश को नहीं मानने का जैसे इसके मातहत अधिकारियों ने प्रण ले रखा है। ताजा मामला दिव्यांगों के लिए आरक्षित सीटों का रोस्टर जारी करने से जुड़ा हुआ है।

नौ जून तक एनआईसी की वेबसाइट पर करना था अपलोड

विभाग से पिछले हफ्ते पत्र जारी कर जिला शिक्षा पदाधिकारियों को नौ जून तक दिव्यांगों का रोस्टर जिले के एनआईसी की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया था। आज नौ जून की शाम सात बजे तक पूरे राज्य के छह ऐसे जिले हैं जिन्होंने न तो इस निर्देश को तवज्जो दी और ना ही रोस्टर जारी किया। यह स्थिति तब है जब पटना हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के निर्देश पर राज्य के विकलांग शिक्षक अभ्यर्थियों को आवेदन जमा करने के लिए 15 दिनों का अतिरिक्त समय दिया गया है।

अभ्यर्थियों को विभाग ने 11 जून से 25 जून तक आवेदन जमा करने का समय दिया हुआ है। पर आवेदन जमा करने के लिए दिव्यांग अभ्यर्थियों को आरक्षण का रोस्टर जानना जरूरी है। इस बार 15 दिनों में जो फॉर्म भरे जायेंगे वे सिर्फ दिव्यांग अभ्यर्थियों द्वारा उनके लिए आरक्षित सीटों के लिए ही भरे जाने हैं। ऐसे में दिव्यांग अभ्यर्थियों के लिए यह जानना जरूरी है कि कहां की सीट उनके लिए अनुकूल है और कहां उन्हें आवेदन करना है। पर जब दिव्यांग आरक्षण से जुड़ा रोस्टर ही विभाग द्वारा जारी नहीं किया जायेगा तो दिव्यांगों को पता कैसे चलेगा कि किस नियोजन इकाई में उनके लिए सीट आरक्षित है।

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बिहार शिक्षक बहाली का छठा चरण पिछले तीन साल से कागजों पर चल रहा है। विभागीय अधिकारियों की ऊटपटांग करतूतों के चलते बहाली प्रकिया पर कम से कम तीन बार पटना हाईकोर्ट रोक लगा चुका है। अब भी कुछ मामले अदालत में लंबित हैं। अभ्यर्थियों को डर है कि उनमें से किसी भी मामले में हाईकोर्ट ने बहाली प्रक्रिया पर रोक लगा दी तो फिर यह मामला ठंडे बस्ते में चला जायेगा। इसलिए वे चाहते हैं कि बहाली प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी हो सके। पर विभागीय अधिकारी हैं कि सुनने को तैयार नहीं हैं।

94,000 प्राथमिक और 30,000 हाईस्कूल शिक्षकों की होनी है बहाली 

इस छठे चरण में करीब 94,000 प्राथमिक और 30,000 हाईस्कूल शिक्षकों की बहाली होनी है। इसके लिए नौ जून की शाम तक जिन जिलों में आरक्षण का रोस्टर जिलों के एनआईसी पर अपलोड नहीं किया गया है उनमें औरंगाबाद, कटिहार, किशनगंज, लखीसराय वैशाली और शिवहर शामिल हैं। इनके अलावा राजधानी पटना, जहानाबाद, अरवल, नालंदा, नवादा, बेगूसराय, मुंगेर, समस्तीपुर, दरभंगा, मधुबनी, सारण, गोपालगंज, सीवान, भोजपुर और बक्सर समेत 32 ऐसे जिले हैं जहां दिव्यांगों के आरक्षण से संबंधित रोस्टर जारी कर दिये गये है।

अभ्यर्थियों का कहना है कि इसके पूर्व मेरिट लिस्ट जारी करने में भी कई जिलों का रवैया ऐसा ही था। प्राथमिक शिक्षा निदेशक के बार-बार चेतावनी भरे पत्र जारी करने के बाद भी अब तक कम से कम 10 फीसद ऐसी नियोजन इकाइयां हैं जिन्होंने आवेदकों की मेरिट लिस्ट जारी नहीं की।

दिव्यांग अभ्यर्थियों के आवेदन जमा करने के बाद सभी नियोजन इकाइयों को फिर से प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी करना है। इस पर दावा आपत्ति के बाद नियोजन इकाइयां फाइनल मेरिट लिस्ट जारी करेंगी। इसके बाद काउंसिलिंग और फिर बहाली प्रक्रिया पूरी होगी। दिव्यांग अभ्यर्थियों का आवेदन जमा होने के बाद भी इस पूरी प्रक्रिया के पूर्ण होने में एक माह से अधिक समय लगेगा। पर इन बेलगाम अधिकारियों के चलते प्रकिया कब जाकर पूर्ण होगी यह विभाग को भी शायद ही पता हो।

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