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अधिक संतान नहीं बनेगी पंचायत चुनाव की उम्मीदवारी में बाधा

जनसंंख्या नियंत्रण कानून को लेकर जदूय और भाजपा के विचार अलग-अलग

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सम्राट चौधरी

पटना (voice4bihar desk)। बिहार में पंचायत चुनाव की उम्मीदवारी में संतानें बाधा नहीं बनेंगी। पिछले दो दिनों से दो से अधिक संतान वालों की उम्मीदवारी पर रोक की छिड़ी बहस पर बिहार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने विराम लगा दिया है। मंगलवार को पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि इस वर्ष होने वाली त्रिस्तरीय पंचायती राज चुनाव में जनसंख्या कानून का कोई लेना – देना नहीं है। पहले की तरह दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशी चुनाव लड़ते रहेंगे।

मंत्री ने कहा कि बिहार नगर निकाय चुनाव में दो से अधिक बच्चों वाले प्रत्याशियों के चुनाव लड़ने पर रोक है, लेकिन पंचायती राज कानून में इस तरह का कोई प्रावधान नहीं है । साथ ही मंत्री ने यह भी कहा कि वे व्यक्तिगत तौर पर चाहते हैं कि अब समय आ गया है कि जनसंख्या कानून पर विचार करना चाहिए।

इसके पहले मंगलवार को दिन भर मीडिया में मंत्री सम्राट चौधरी के हवाले से खबर चलती रही कि बिहार में दो बच्चों से अधिक वाले चुनाव नहीं लड़ पायेंगे। हालांकि शाम तक मंत्री सम्राट चौधरी ने तमाम मीडिया हाउस तक अपनी सफाई पहुंचायी कि सरकार का ऐसा कोई इरादा नहीं है कि बिहार में पंचायत चुनाव में दो से अधिक बच्चों वालों की उम्मीदवारी पर रोक लगायी जाये।

उत्तर प्रदेश में प्रस्तावित कानून के बाद बिहार में तेज हुई चर्चा

असल में उत्तर प्रदेश में इस संबंध में प्रस्तावित नये कानून के बाद इस चर्चा ने जोर पकड़ी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार का उन लोगों के पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक का प्रस्ताव है जिनकी दो से अधिक संतानें हैं। उत्तर प्रदेश के इस कानून के बाद बिहार में भी इसको लेकर बहस छिड़ गयी। बिहार में नगर निकायों के चुनाव में दो से अधिक संतान वालों की उम्मीदवारी पर रोक है। हालांकि पंचायतों में इस तरह की रोक नहीं है।

इस मुद्दे पर एनडीए यहां तक कि जदयू का भी सुर एक नहीं है। मुख्यमंत्री जहां इसके लिए कानून बनाने के पक्षधर नहीं हैं वहीं जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा कानून बनाये जाने के पक्ष में हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल भी मानते हैं कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए नीति बनानी होगी। हम पहले बात करते हैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की।

यह भी पढ़ें : बिहार के एक करोड़ मतदाता नहीं दे सकेंगे पंचायत चुनाव में वोट

नीतीश कुमार

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महिलाओं के शिक्षित होने से खुद ही कम हो जायेगी जनसंख्या दर : नीतीश

सोमवार को जनता दरबार के बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जब मीडिया से मुखातिब हुए तो पत्रकारों ने उनसे भी इस मुद्दे को लेकर सवाल किया। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके लिए कानून बनाने से ज्यादा जरूरी महिलाओं को शिक्षित करना है। महिलाएं शिक्षित होंगी तो प्रजनन दर खुद ब खुद कम होता जायेगा। नीतीश कुमार ने कहा कि वर्तमान में जिस प्रकार बिहार में प्रजनन दर कम हुआ है उसे देखते हुए उम्मीद है कि 2040 के बाद बिहार में जनसंख्या वृद्धि दर माइनस में चला जायेगा।

उन्होंने कहा कि जब पत्नी मैट्रिक तक पढ़ी थी तब देश का प्रजनन दर दो था, बिहार का भी इतना ही था। पर, जब पत्नी इंटर तक पढ़ी थी तब देश का प्रजनन दर 1.7 था जबकि बिहार का 1.6 था। मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं के शिक्षित होने से उनमें जागृति आती है और इसका व्यापक असर होता है। एक समय था जब बिहार का कुल मिलाकर प्रजनन दर चार से ज्यादा था आज घटकर तीन से नीचे आ गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों को लगता है कि कानून बना देने से हो जायेगा तो ऐसा नहीं होगा। अलग-अलग राज्य अपने ढंग से कर सकते हैं।

उपेंद्र कुशवाहा

जनसंख्या नियंत्रण से लोगों को मिलेगा विकास का लाभ : कुशवाहा

दूसरी ओर, जदयू संसदीय दल के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए की जाने वाली पहल का वे स्वागत करते हैं। कुशवाहा की मानें तो विकास का लाभ लोगों को मिले इसके लिए जनसंख्या पर नियंत्रण जरूरी है। वरना कितना भी विकास हो जाये लोगों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। कुशवाहा इन दिनों पार्टी के कार्यक्रम को लेकर मोतिहारी के दौरे पर हैं।

संजय जायसवाल

बिना नीति जनसंख्या पर नियंत्रण संभव नहीं : जायसवाल

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि बिना नीति बनाये जनसंख्या पर नियंत्रण संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि यूपी का प्रस्तावित कानून बहुत बेहतर है। इसमें एक बच्चे वालों को प्रोत्साहित करने की बात कही गयी है।

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