सांसद पप्पू यादव का ऐलान- अगर शिवनंदन नगर में घर तोड़े तो बुलडोजर मेरी लाश से गुजरेगा
5 दिसंबर को नालंदा में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के विरोध में उतरेंगे पूर्णिया के सांसद
सांसद ने कहा-नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के निर्देश पर आये हैं यहां, संसद में इस मुद्दे का उठाएंगे
एनडीए के सहयोगी चिराग पासवान, जीतनराम मांझी व उपेंद्र कुशवाहा की चुप्पी पर उठाये सवाल
बिहारशरीफ (Voice4bihar News)। नालंदा जिले की सोनसा पंचायत के शिवनंदन नगर में हाईकोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई ने सियासी रंग लेना शुरू कर दिया है। पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने इस कार्रवाई के खिलाफ बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि गरीबों के घर तोड़े गए तो बुलडोजर उनकी लाश से गुजरेगी।
पप्पू यादव ने कहा कि राहुल गांधी के निर्देश पर वे यहां पहुंचे है और मुद्दे को सड़क से संसद तक उठाएंगे। उन्होंने एनडीए के सहयोगियों चिराग पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की चुप्पी पर भी सवाल उठाये। साथ ही प्रशासन व सरकार को कठघरे में खड़ा किया।
पहले चरण में तोड़े जा चुके हैं शिवनंदन नगर के आठ घर
उल्लेखनीय है कि स्थानीय लोगों के तमाम विरोधों के बावजूद प्रशासन ने बीते बुधवार को शिवनंदन नगर में बुलडोजर चलाकर 8 घरों को जमींदोज कर दिया गया था। यह कार्रवाई अंचलाधिकारी मनोज कुमार के नेतृत्व में भारी पुलिस बल की मौजूदगी में की गई। अतिक्रमण हटाने की अगली तिथि 5 दिसंबर को तय की गयी है। इसी बीच सांसद पप्पू यादव 2 दिसंबर को शिवनंदन नगर पहुंचे और प्रभावित परिवारों की चिंताओं से अवगत हुए।
आशियाने गंवा चुके 8 दलित परिवारों को पप्पू यादव ने दी आर्थिक मदद
विज्ञापन
पीड़ितों की बातें सुनकर उन्होंने केंद्र व राज्य सरकार पर कड़ा प्रहार किया और चेतावनी दी कि यदि 5 दिसंबर को गरीबों के घर टूटे, तो बुलडोजर उनकी लाश पर से होकर गुजरेगा। सांसद ने 8 प्रभावित परिवारों को 10-10 हजार रुपये की आर्थिक मदद भी दी। उन्होंने कहा कि चार-पांच पीढ़ियों से बसे इन परिवारों को सरकार ने आवास, सड़क, बिजली जैसी सुविधाएं दी, ऐसे में जमीन को अचानक अवैध बताना सवाल खड़ा करता है।
सांसद का आरोप- सिर्फ दलित-महादलित व पिछड़े समाज को बनाया जा रहा निशाना
पप्पू यादव ने आरोप लगाया कि प्रशासन का बुलडोजर सिर्फ दलित-महादलित और अति-पिछड़े समाज पर चल रहा है, जबकि कई प्रभावशाली लोग भी गैर-मजरूआ जमीन पर कब्जा किए हुए है। पुनर्वास व्यवस्था को छलावा बताते हुए उन्होंने कहा कि नदी किनारे 2-3 डिसमिल जमीन देकर बेघर करना अन्याय है, जबकि पंचायत में ही 50-100 एकड़ जमीन खाली पड़ी है।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पर अंचलाधिकारी ने रखा पक्ष
सीओ मनोज कुमार के अनुसार, हाईकोर्ट के आदेश के बाद शिवनंदन नगर के लोगों को बीते 26 नवंबर तक 120 घर खाली करने का नोटिस दिया गया था। इनमें से 114 भूमिहीन लोगों को दो-दो डिसमिल जमीन का पर्चा दिया गया है और उनके नए आवास निर्माण की प्रक्रिया जारी है। जबकि 8 लोग पेंशनधारी होने के कारण पात्र नहीं पाए गए, इसलिए उन्हीं के घरों को हटाया गया। पूरी कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराई गई।
क्या करते हैं शिवनंदन नगर के पीड़ित दलित परिवार!
ग्रामीणों ने कार्रवाई को एकपक्षीय बताते हुए विरोध जताया और कहा कि ठंड के समय बेघर होने के बाद वे कहां जाएंगे। वर्ष 2023 में भी यहां 15 घरों को तोड़ा गया था। ग्रामीणों ने सरकार से मांग की है कि उन्हें वर्तमान स्थल पर ही जमीन का पर्चा दिया जाए। ग्रामीणों का आरोप है कि शिवनंदन नगर में नल-जल, बिजली, सड़क और आवास जैसी सभी सरकारी सुविधाएँ मिली है, बावजूद इसके एक व्यक्ति के दबाव में उन्हें उजाड़ने की कोशिश की जा रही है।
